बिहार विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर (Devesh Chandra Thakur) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा सदन के उप सभापति को सौंपा। इसके साथ ही उन्होंने विधान परिषद की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है। इस संबंध में विधान परिषद सचिवालय से अधिकारिक सूचना जारी की गई है। देवेश चंंद्र ठाकुर हाल में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में सीतामढ़ी सीट से सांसद चुने गए हैं। जिसके बाद उनके विधान परिषद से सदस्यता खत्म होने के लिए संविधानिक रूप से इस्तीफा देना अनिवार्य था।
बाद अब सभापति की कुर्सी खाली हो गई। हालांकि, बीजेपी के पास विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी है, ऐसे में विधान परिषद के सभापति की कुर्सी जेडीयू के पास ही रहेगी। इसको लेकर कई नामों पर चर्चा शुरू हो गई। हालांकि,यह तय माना जा रहा है कि उस कुर्सी पर वही एमएलसी बैठेगा, जिसके नाम पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुहर लगाएंगे। वहीं, इस पद के लिए जिन नामों की चर्चा सबसे तेज है उसमें सीनियर लीडर रामवचन राय, गुलाम गौस, पूर्व कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह के साथ-साथ नीरज कुमार के नाम शामिल हैं।
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बता दें देवेश चन्द्र ठाकुर, सभापति, बिहार विधान परिषद् जो द्विवार्षिक निर्वाचन, 2020 में तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से बिहार विधान परिषद् के सदस्य निर्वाचित हुए थे, जिसके बाद उन्हें विधान परिषद का सभापति बनाया गया था। बिहार विधान परिषद में कुल 75 सदस्य हैं। इसमें बीजेपी 24 सदस्यों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है। उसके बाद जदयू के 21 सदस्य हैं देवेश चंद्र ठाकुर का सीट भी खाली हो रहा है जिस पर आने वाले समय में चुनाव होगा।ऐसे में जदयू के सदस्यों की संख्या घटकर 20 हो जाएगी।