सारण जिले में जहरीली शराब से हुई मौतों के बाद हुई कार्रवाई पर सारण विकास मंच के संयोजक व वरिष्ठ नेता शैलेंद्र प्रताप सिंह ने असंतोष जताया है। इस संबंध में शैलेंद्र प्रताप सिंह ने सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को पत्र लिखकर जांच की मांग की है। इस संबंध में शैलेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि इस दुखद घटना के लिए पूरा सिस्टम जिम्मेदार है। लेकिन जिला प्रशासन द्वारा कुछ पुलिसकर्मियों को निलंबित कर पूरी घटना पर लीपापोती का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि चंद पुलिसकर्मियों को बलि का बकरा बना कर जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और उत्पाद विभाग अपनी जिम्मेदारी से बचने का प्रयास कर रहा है।
‘प्रशासन पूरी तरह विफल’
शैलेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि राज्य में शराबबंदी का फैसला हुए 6 वर्ष से अधिक का समय हो गया है लेकिन इसके बावजूद राज्य में शराब की आवाजाही हो रही है। साथ ही जहरीली शराब का कारोबार भी धड़ल्ले से चल रहा है। इसका स्पष्ट मतलब है कि जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के साथ उत्पाद विभाग भी अपनी जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभा रहा है। इतनी बड़ी घटना के बाद चंद पुलिसकर्मियों को निलंबित कर जिला प्रशासन ने आई वाश का प्रयास किया है। जिला प्रशासन की पूरी गतिविधि हमेशा से लापरवाही वाला रहा है। इसुआपुर में बालू लदे ट्रकों की ओवर स्पीडिंग के कारण भी दर्जनों लोगों की जान जा चुकी है। कई बार ध्यान दिलाने के बाद भी प्रशासन मूकदर्शक ही रहा है। जनहित के हर मामले में स्थानीय प्रशासन की निष्क्रियता की व्यापक जांच होनी चाहिए।
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‘न्यायालय में दायर करेंगे याचिका’
उन्होंने बताया कि हमने माननीय सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी प्रसाद यादव को पत्र लिख कर पूरे मामले की व्यापक जांच का अनुरोध किया है। साथ ही हम इस मामले में सभी दोषियों को चिन्हित कर कड़ी कार्रवाई के लिए न्यायालय में भी याचिका दायर करेंगे। साथ सारण विकास मंच इस पूरे मामले में सभी दोषियों को सजा दिलाने के लिए हर स्तर पर प्रयास करेगा। इसके साथ हमने इस घटना में जान गंवा देने वालों के आश्रितों को उचित मुआवजा देने के साथ उनके परिवार के भरण-पोषण के लिए सहानुभूति पूर्वक विचार करने की मांग की है।
‘विधायक कर रहे दिखावा’
शैलेंद्र प्रताप सिंह ने स्थानीय विधायक जनक सिंह पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि स्थानीय विधायक का न जनता से कोई जुड़ाव है और न ही जनहित के मुद्दों से। लाशें गिरने के बाद जितना विधायक चिल्ला रहे हैं, उसका 10 प्रतिशत भी जनजागरण के लिए बोलते तो बात समझ आती। लेकिन हकीकत यह है कि स्थानीय विधायक लाशों पर राजनीति चमका रहे हैं। एक बार भी यह नहीं कहते कि शराब बुरी चीज है। लेकिन शराब से मौत हुई है तो विधानसभा में झूठ का दिखावा कर रहे हैं।