राजनीति में नेता अपने विरोधियों पर कटाक्ष करते रहते हैं। इनमें कई बार नेता भाषाई मर्यादा को भी भुल जा जाते हैं। बिहार की राजनीति में आज कल ये बहुत ज्यादा देखने को मिल रहा है। नेता एक दूसरे पर हमला बोलने के लिए जानवरों को प्रतिबिंब बना रहे हैं। अब सियासी बयानबाजी में भैंस- गधे की भी एंट्री हो गई है। RLJD के सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश-तेजस्वी सरकार को निशाने पर लेने भाषाई मर्यादा को तोड़ा। जिसके बदले में राजद की तरफ से भी वैसी ही प्रतिक्रिया दी गई।
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भैंस की सवारी कर रहे नीतीश
RLJD के सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा जब से जदयू से अलग हुए हैं तभी से वो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमलावर हैं। नीतीश कुमार पर हमला बोलने क लिए आए दिन वो नए-नए बयानी हथियार का इस्तेमाल करते हैं। बीते दिन को राजगीर में RLJD शिविर के अंतिम दिन कुशवाह ने बार फिर से नीतीश कुमार को अपने निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार का डूबना तय है। जिस भैंस पर सवार होकर नीतीश कुमार राजनीति कर रहे हैं वह भैंस ही उन्हें डूबा देगी और नीतीश कुमार का बेड़ा गर्क हो जाएगा। उन्होंने इशारों-इशारों में राजद की तुलना भैंस से कर दी। इसके बाद राजद के तरफ से भी पलटवार किया गया।
गधे की सवारी कर रहे कुशवाहा
उपेंद्र कुशवाहा के बयान पर राजद के प्रवक्ता शक्ति यादव ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा खुद गदहे पर बैठे हुए हैं। उपेंद्र कुशवाहा जिस गदहे की सवारी कर रहे हैं वो उनकी पटक कर डूबा देगा। उन्होंने कहा कि गधा बेहद बेपरवाह जानवर के रूप में जाना जाता है। इसे लेकर कई सारे कहावत और कथाएं भी प्रचलित हैं। अपने इस बयान से शक्ति यादव ने उपेंद्र कुशवाहा के साथ -साथ भाजपा को भी अपने लपेटे में ले लिया। जदयू के नेता नीरज कुमार ने भी उपेंद्र कुशवाहा पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा अभी वेटिंग लिस्ट में है। एनडीए में उन्हें जगह नहीं मिली है। भी तक उन्हें आरएसी भी नहीं मिला है, कंफर्मेशन हासिल करने के लिए कुछ कुछ बोल रहे हैं।