पटना। बिहार की राजधानी पटना के जू में अब हैदराबाद के शेर दहाड़ सुनाई देगी, एनिमल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत एक शेर और शेरनी हैदराबाद से पटना लाए जाएंगे जो शेरों का कुनबा बढ़ेगा। जू प्रशासन का कहना है कि ‘हैदराबाद जू से इसके लिए बातचीत चल रही है, एनिमल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत दो शेरों को लाया जा सकता है। इन शेरों को लाने का उद्देश्य जू में शेरों की संख्या के साथ-साथ प्रजनन को बढ़ावा देना है।’
पटना में अब शेरों का कुनबा बढ़ने वाला है। दरअसल अब हैदराबाद के जू से शेर और शेरनी को पटना लाया जाएगा, इससे पहले साल 1978 में पहली बार पटना जू में जंगली मूल के दो नर और दो मादा शेर लाए गए थे, इन 4 शेरों ने साल 1982 में प्रजनन शुरू किया। इस तरह पटना जू में शेरों के संरक्षण और प्रजनन की शुरुआत हुई। 2003 में बोकारो चिड़ियाघर से ‘रंभा’ और ‘उर्वशी’ नाम के दो हाइब्रिड शेरनी लाई गई। इन दोनों ने साल 2012 में दो शावक ‘सम्राट’ और ‘शेरू’ को जन्म दिया। ‘शेरु’ की मौत बीमारी से हो गई। वहीं सम्राट आज भी पटना जू में है। विशाल को कुछ साल पहले राजगीर भेज दिया गया, जबकि जूनागढ़ से एनिमल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत ‘पार्वती’ शेरनी को लाया गया। अभी फिलहाल जू में 12 साल का एक नर शेर सम्राट और एक 4 साल की मादा शेरनी पार्वती है।
अभी पटना जू में 24 घंटे शेर की मॉनिटरिंग की जाती है, शाम में 6 बजे के बाद शेरों को खाना दिया जाता है। 6-7 किलोग्राम बीफ, 2-2.50 किलोग्राम चिकन दिया जाता हैं। यह एक मानक आहार है और यह मौसम के अनुसार बदलता रहता है। शेरों को बाड़े से बारी-बारी से हर दिन अलग-अलग निकाला जाता है।