पटना: बिहार में जहरीली शराब त्रासदी पर जनसुराज पार्टी प्रमुख प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने कहा कि मैं पहला व्यक्ति हूं जो सार्वजनिक तौर पर हर मंच से ये बात पिछले 3 साल से कह रहा हूं कि बिहार में शराबबंदी कहीं लागू है ही नहीं। सिर्फ शराब की दुकानें बंद है, जबकि घर-घर शराब मिल रहा है, होम डिलेवरी हो रही है। शराबबंदी सिर्फ सरकारी फाइलों में नेताओं के भाषणों में लागू है। कल की घटना बहुत दुखद है। छपरा में 1.5 साल पहले 70 से ज्यादा लोगों की मृत्यु हुई थी।
उन्होंने कहा कि बिहार का कोई जिला नहीं है जहां जहरीली शराब से लोगों की मृत्यु नहीं हुई है। कई घटनाओं का तो रिपोर्ट तक नहीं हुआ है। हरेक पंचायत में शराब पीने से मौत हो रही है। डर से कोई मामला दर्ज नहीं करा रहा है। इसका फायदा केवल भ्रष्ट नेताओं माफियाओं को हो रहा है। इतनी संवेदनहीनता आ गई है कि इतनी मौत के बाद सरकार की ओर से सरकार के मुखिया नीतीश कुमार वहां जाएंगे तक नहीं।
बिहार DGP का कुबूलनामा… जहरीली शराब से 24 लोगों की हुई मौत
प्रशांत किशोर ने कहा है कि बिहार में कहीं शराबबंदी नहीं है। या तो होम डिलीवरी हो रही है या फिर शराब का अवैध कारोबार चल रहा है। सीएम नीतीश कुमार के इर्द-गिर्द के अफसर खुद शराब पीते हैं। शराबबंदी का फायदा या तो भ्रष्ट अधिकारी उठा रहे हैं या फिर नेताओं की कमाई हो रही है। प्रशांत किशोर ने कहा कि एक लाख लोग शराबबंदी मामले में जेल में बंद है। हर साल 20000 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है।