सारण शराबकांड को लेकर बिहार की सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है। एक ओर जहरीली शराब से मरने वालों का आंकड़ा 80 के पार पहुँच चुका है। वही दूसरी ओर सियासी बयानबाजी भी अपने चरम पर है। आज विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आखरी दिन था जो विपक्ष के हंगामें की भेंट चढ़ गया। भाजपा नेता मृतकों के परिवारों के लिए मुआवजे की मांग पर अड़े हुए हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले भी साफ कर चुके हैं कि शराब पीकर मरने वालों को सरकार मुआवजा नहीं देगी। वही आज बिहार सरकार में मध निषेध मंत्री सुनील कुमार के बयान के बाद सियासी माहौल और गर्म हो गया है।
मंत्री सुनील कुमार ने मरने वालों का आंकड़ा महज 38 बता रहे हैं। जिसे लेकर भाजपा ने बिहार सरकार पर अपना हमला और तेज कर दिया है। केन्द्रीय मंत्री और भाजपा के फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह ने तो शराब को नीतीश कुमार के लिए भगवान जैसा बताया है। उन्होंने कहा कि बिहार में शराब भगवान के जैसा हो गया है। जो है तो सब जगह पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कहीं भी दिखाई नहीं दे रहा है। इससे ये बात साफ है कि या तो नीतीश कुमार अहंकारी हो गए हैं या फिर हताश हो गए हैं।
BJP की खुली चुनौती, पीड़ितों को मुआवजा दें सरकार, नहीं तो सदन नहीं चलने देंगे
कानून व्यवस्था पर सवाल
एक ओर जहां सरकार की ओर से ये दावा किया जा रहा है मरने वालों का आंकड़ा 38 है। वही गिरिराज सिंह ने कहा कि सारण शराबकांड में मरने वालों का आंकड़ा 150 के पार जा चुका है। उन्होंने मुआवजे की बात को दोहराते हुए कहा कि सभी पीड़ित परिवारों को बिहार सरकार द्वारा उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए। बिहार की कानून व्यवस्था पर एक बार फिर गिरिराज सिंह ने सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा कि सारण में जो कुछ भी हुआ वो बिहार की कानून व्यवस्था की दुर्दशा का नतीजा है।
जब खुद मुख्यमंत्री ये बात कहा रहे कि जो पिएगा वो मरेगा तो ऐसे में बिहार में कानून व्यवस्था की कोई जरुरत ही नहीं है। मुख्यमंत्री गरीब लोगों को जेल में बंद करावा रहे हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार सबसे पहले पीड़ित परिवार को मुआवजा दें और शराब नीति पर विचार करने वरना इसका बड़ा उन्हें भुगतना पड़ेगा।