बिहार एनडीए में सीट शेयरिंग का मामला अभी सुलझा नहीं है। इस बीच एलजेपी अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस हाजीपुर सीट को लेकर बीजेपी से नाराज चल रहे हैं। उन्होंने यह भी इशारा किया है कि अगर उन्हें उचित सम्मान नहीं मिला तो उनके लिए और भी रास्ते खुले हुए हैं। पशुपति पारस ने इशारों में कह दिया है कि वो ज़्यादा दिनों तक एनडीए का हिस्सा नहीं रहेंगे। लेकिन वो खुद से अलग होने का ऐलान नहीं कर रहे हैं, एक तरह से वह जिम्मेदारी बीजेपी पर डाल रहे हैं।
बिहार एनडीए में सीट शेयरिंग पर एलजेपी अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने कहा कि जब तक बीजेपी की तरफ से लिस्ट जारी नहीं होती तब तक हम इंतजार करेंगे। अगर उचित सम्मान नहीं मिला तो हमारी पार्टी का रास्ता खुला हुआ है। हम कहीं पर भी जाने के लिए स्वतंत्र हैं। इतना ही नहीं उन्होंने हाजीपुर सीट पर दांवा ठोकते हुए कहा कि वो इसी सीट से चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कई बार कहा कि राजनेता साधू नहीं होते बल्कि परिस्थितियों के हिसाब से फैसला लेते हैं।
दरअसल, पशुपति पारस के भतीजे और दिवंगत रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान भी हाजीपुर सीट पर दावा ठोक रहे हैं। चाचा और भतीजे में असली लड़ाई इसी सीट को लेकर मानी जा रही है। इन सबके बीच चिराग पासवान की पार्टी का एक बयान आया जिससे सियासी गलियारे में हलचल मच गई है। चिराग पासवान की पार्टी ने पशुपति पारस को लोकसभा चुनाव में लड़ने का ऑफर दे दिया है। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रवक्ता विनीत सिंह ने बड़ा बयान दिया। बयानों के जरिए पशुपति पारस को ना सिर्फ ऑफर दिया है बल्कि सीधा-सीधा हमला भी किया है।
विनीत सिंह ने एक प्रतिक्रिया देते हुए कहा है, “कहते हैं कि हम तीन सीट पर अकेले चुनाव लड़ेंगे। भाई स्वागत है आपका. जिसके बास 500 वोट नहीं है, जिसने अनुकंपा पर मंत्री बनकर ढाई साल तीन साल मलाई खाई है, जिसने परिवार और पार्टी को तोड़ा है, उसका स्वागत है। जो भी आपने भ्रम की स्थिति पाल रखी है वह भी खत्म हो जाएगा। एक जगह से भी जमानत नहीं बचेगी।”
बता दें कि ऐसी खबर है कि एनडीए में सीटों को लेकर जो बात सामने आ रही है उसके अनुसार चिराग को पांच सीट दे दी गई है। फिलहाल आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। जैसे ही यह खबर आई उसके बाद से चाचा पशुपति पारस के तेवर बदल गए हैं। माना जा रहा है कि पशुपति पारस ने हाजीपुर से चुनाव लड़ना तय कर लिया है। भले ही वह किसी भी गठबंधन से लड़ें। ऐसे में चिराग की पार्टी ने उन्हें चुनौती दे दी है कि वह लड़ते हैं तो उनका स्वागत है।