2024 लोकसभा चुनाव में पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल से शुरू है। पहले चरण में चार लोकसभा सीट पर एनडीए और गठबंधन आमने सामने है। पहले चरण में गया, औरंगाबाद, नवादा और जमुई लोकसभा सीट पर मतदान होना है। इन चारों में अबतक एनडीए की तरफ से गया से जीतन राम मांझी, औरंगाबाद से सुशील कुमार सिंह, नवादा से विवेक ठाकुर और जमुई चिराग पासवान के खाते में है।
वहीं इन सीटों पर महागठबंधन की तरफ से राजद ने अपने उम्मीदवार की घोषणा की है। राजद ने गया से कुमार सर्वजीत, औरंगाबाद से अभय कुशवाहा, जमुई से अर्चना रविदास जबकि नवादा से श्रवण कुशवाहा को टिकट दिया है। आरजेडी ने भले ही अपने प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में भेज दिया हो, लेकिन इस चुनाव में एनडीए से उसे कड़ा मुकाबला करना होगा।
औरंगाबाद से राजद ने अबतक एक बार भी चुनाव नहीं लड़ा
औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र की चर्चा करें तो आरजेडी ने यहां से अभय कुशवाहा को सिंबल भी दे दिया है, लेकिन, आरजेडी के लिए यहां की राह आसान नहीं है। औरंगाबाद से राजद ने अबतक एक बार भी चुनाव नहीं लड़ा है। औरंगाबाद से राजद पहली बाहर भाग्य आजमा रहा है। यहां की सियासत में हमेशा से कांग्रेस का दबदबा रहा है। कांग्रेस ने यहां से नौ बार जीत दर्ज कर चुकी है। कांग्रेस के गढ़ में राजद ने उम्मीदवार उतारकर कौन सा खेल खेला है यह चुनावी नतीजे बतायेंगे। फ़िलहाल पिछले दो चुनाव में यहां से जेडीयू और बीजेपी ने जीत दर्ज की है।
गया सीट पर मांझी समुदाय का दबदबा
गया सीट पर एनडीए की तरफ से जीतन राम मांझी मैदान में हैं। अगर गया सीट की बात करे तो गया सुरक्षित सीट है, जहां बड़ी संख्या मे दलित वोट बैंक है। गया सीट पर मांझी समुदाय का दबदबा हमेशा देखा गया है। यही कारण है कि इस बार भी एनडीए ने जीतनराम मांझी को उम्मीदवार बनाया। वहीं राजद ने सर्वजीत उम्मीदवार बनाकर कोर वोट बैंक माई समीकरण के साथ पासवान जाति के बड़े वोट बैंक को अपने खाते मे करने की रणनीति बनाई है।
2004 से अब तक गया सीट से मांझी समुदाय से आने वाले नेता ही यहां जीत दर्ज करते रहे हैं। 2004 में अंतिम बार राजद की ओर से राजेश मांझी ने जीत दर्ज की थी। वहीं 2009 और 2014 में बीजेपी से हरी मांझी ने अपना दबदबा कायम रखा था। 2019 में गया से जदयू के उम्मीदवार विजय मांझी ने जीत दर्ज की थी। इस बार एनडीए के उम्मीदवार के रूप में जीतन राम मांझी और राजद से कुमार सर्वजीत में है।
नवादा में बीजेपी का रहा है दबदबा
नवादा की अगर बात करे तो नवादा में 2004 में अंतिम बार राजद के विरचंद पासवान ने जीत दर्ज की थी। उसके बाद अबतक एनडीए की पकड़ मजबूत रही है। 1996 के बाद से यहां भाजपा का वर्चस्व है। 1952 से अब तक आठ बार कांग्रेस, चार बार भाजपा, दो बार सीपीआईएम, एक बार राजद व एक बार निर्दलीय का कब्जा रहा है। फिलहाल केंद्रीय राज्यमंत्री गिरिराज सिंह यहां के सांसद हैं। इस बार एनडीए ने नवादा से विवेक ठाकुर को लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार घोषित किया है।
जमुई में चिराग का चलता रहा है जादू
जमुई लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है। जमुई सीट के लिए भी पहले चरण में मतदान होना है। कहा जा रहा है कि आरजेडी यहां से अर्चना रविदास को सिंबल दे चुकी है। एनडीए की ओर से यह सीट लोजपा (रामविलास) के कोटे में गई है। बीते तीन चुनाव में जमुई पर एनडीए का कब्जा रहा है। वर्ष 2014 और 2019 में एनडीए उम्मीदवार के रूप में चिराग पासवान जीतते रहे हैं। ऐसे में तय है कि राजद मुख्य मुकाबला एनडीए से ही होगा।