खगड़िया के निवर्तमान सांसद और कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष महबूब अली कैसर अब राजद में शामिल हो गए हैं। कैसर ने कांग्रेस छोड़कर 2014 में लोजपा का दामन थामा था और तब लोजपा ने उन्हें खगड़िया लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया था। कैसर ने 2014 का चुनाव भी जीता और 2019 का भी। लेकिन 2024 में चिराग पासवान ने उन्हें बेटिकट कर दिया। अब कैसर ने राजद का दामन थाम लिया है।
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कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं महबूब अली कैसर
महबूब अली कैसर बिहार की राजनीति में पुराना नाम हो चुके हैं। वे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। लेकिन कांग्रेस में अपना भविष्य नहीं देख पाने के कारण कैसर ने रामविलास पासवान का साथ अपना लिया था। 2014 के लोकसभा चुनाव में कैसर को जीत मिली। 2019 में भी यह जीत का सिलसिला जारी रहा। लेकिन पशुपति पारस के साथ चिराग पासवान के खिलाफ हुए कैसर को 2024 में टिकट नहीं मिला।
चिराग से नहीं मिली महबूब अली कैसर को ‘माफी’
चिराग पासवान से उनकी पार्टी के पांच सांसदों ने बगावत की थी। इन पांच में चिराग के चाचा और चचेरे भाई के साथ कैसर भी शामिल थे। वीणा सिंह के अलावा चिराग ने किसी को माफ नहीं किया और इस चुनाव में किसी को एनडीए से टिकट नहीं लेने दिया। महबूब अली कैसर से चिराग पासवान ने भागलपुर के पूर्व डिप्टी मेयर राजेश वर्मा को टिकट दिया है। हालांकि कैसर आखिरी वक्त तक चिराग के साथ दिखे और टिकट का प्रयास करते लेकिन चिराग नहीं माने।