बिहार के दो माले विधायकों को कोर्ट ने शनिवार को बड़ी राहत दी है। सीवान की एमपी एमएलए कोर्ट ने भाकपा माले के दरौली से विधायक सत्यदेव राम और जीरादेई से माले विधायक अमरजीत कुशवाहा को चिलमरवा कांड में बरी कर दिया है। जिसके बाद से दोनों विधायकों के समर्थकों के चहरे पर उत्साह देखा गया। इस दौरान कोर्ट परिसर के बाहर समर्थकों की भारी भीड़ नजर आई। पुलिस द्वारा सुरझा के पुख्ता इंतेजाम किए गए थे।
वहीं, कोर्ट के फैसले के बाद दोनों विधायक भावुक नजर आए। कोर्ट से बाहर आकर दोनों ने कहा कि हमपर झूठा आरोप लगाया गया है। हमे कोर्ट पर पूरा भरोसा था। आज 11 साल बाद हमे बरी कर दिया गया है। हम काफी खुश है। ये कहते हुए दोनों विधायक के आखों से आंसू छलक पड़े। बता दें कि गुरुवार 22 मार्च को ही एमपी एमएलए कोर्ट के एडीजे 3 ने इस मामले में अपने फैसले को सुरक्षित रख लिया था।
दरअसल, 6 जुलाई 2013 में सीवान के गुठनी थाना के चिलमरवा गांव में वर्ष जमीन पर कब्जा को लेकर भूस्वामी एवं माले कार्यकर्ताओं के बीच वर्ष 2013 में झड़प हुई थी। झड़प एवं गोलीबारी की घटना में भूस्वामियों की ओर से दो व्यक्तियों की गोली लगने से मृत्यु हो गई थी। इस मामले में मृतक के परिजनों ने गुठनी थाने में माले विधायक सत्यदेवराम सहित अन्य के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उस समय सत्यदेव राम विधायक नहीं थे। घटना के बाद पुलिस ने माले विधायक को गिरफ्तार किया था और जेल से ही चुनाव लड़ कर सत्यदेव राम माले विधायक के रूप में विजयी घोषित हुए थे।