झारखंड हाई कोर्ट ने जमीन घोटाला मामले में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जमानत दे दी है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हेमंत सोरेन को जमीन घोटाला मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के सिलसिले में 31 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था। हाई कोर्ट के इस फैसले सभी राजनीतिक दल की और से प्रतिक्रिया आ रही है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, शिवसेना यूबीटी और राष्ट्रीय जनता दल ने स्वागत किया है। सीएम ममता ने एक्स पर एक पोस्ट में उम्मीद जताई कि जमानत पर रिहा होने के बाद हेमंत सोरेन निश्चित रूप से अपनी पूर्ण राजनीतिक गतिविधियां शुरू करेंगे।
सीएम ममता ने लिखा, “झारखंड के एक आदिवासी नेता हेमंत सोरेन को एक केस के चलते सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था। हाईकोर्ट से उन्हें आज जमानत मिल गई है! मैं इससे बहुत खुश हूं। मुझे यकीन है कि वह तुरंत अपनी पब्लिक गतिविधियां शुरू कर देंगे। हेमंत, आपका हमारे बीच दोबारा स्वागत है! सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि मैं एक शक्तिशाली आदिवासी नेता हेमंत सोरेन की अन्यायपूर्ण गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करती हूं। बीजेपी समर्थित केंद्रीय एजेंसियों द्वारा की गई कार्रवाई से चुनी गई सरकार को कमजोर करने की एक सुनियोजित साजिश की बू आती है।
JMM नेता हेमंत सोरेन को जमानत मिलने पर शिवसेना(UBT) नेता संजय राउत ने कहा कि ED-CBI ने 10 साल में जितने भी राजनीतिक नेताओं को गिरफ्तार किया है उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले हैं। मैं इसका उदाहरण हूं। अनिल देशमुख केखिलाफ कोई सबूत नहीं है, केजरीवाल जी को पकड़ा है, कोर्ट ने कहा कि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है, आप उन्हें परेशान कर रहे हैं। हेमंत सोरेन के बारे में भी यही कहा है। इस देश की एजेंसी मोदी-शाह की प्राइवेट एजेंसी बन गई है। हेमंत सोरेन बेकसूर थे।
आरजेडी प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि न्यायालय के निर्णय का सदैव स्वागत है आज भी स्वागत करते हैं। सत्यमेव जयते, सत्य की जीत हुई है। हेमंत सोरेन को नाहक सत्ता के जालिमों ने बनावटी केस बना कर जेल में डाला, जो एक निर्वाचित मुख्यमंत्री थे। देश के इतिहास में इस अध्याय को कोई भूल नहीं सकता। आरजेडी नेता ने कहा, जिस जमीन को लेकर उनका नाम घसीटा गया वो जमीन बिक्री की थी ही नहीं। खुलकर तथ्य सामने आए हैं। बीजेपी ने दो-दो मुख्यमंत्रियों को जेल में डाला। इस देश में बीजेपी से अलग विचार रखने वाले के खिलाफ सरकार दंडात्मक कार्रवाई कर रही है। बीजेपी की नीतियों को जो नेता चुनौती देता है उसे सलाखों में डाल दिया जा रहा है। उनके खिलाफ जांच एजेंसियों का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है, जो लोकतंत्र में गलत है। आज देश में आपातकाल नहीं आफतकाल लगा हुआ है।