गया जिले के इमामगंज विधानसभा के डुमरिया में जीतन राम मांझी ने पार्टी कार्यालय का उद्घाटन किया। उन्होंने लोगों से अपनी बहु दीपा मांझी को वोट देने की बात की और दावा किया कि दीपा मांझी चुनाव जीत रही है। क्षेत्र में विकास कार्यों को लेकर कहा कि कितना काम किये ये याद नहीं, लोग आ कर बताते हैं कि ये काम अप किये हैं। जहां भी जा रहा हूं लोगों का प्यार और आशीर्वाद दीपा को मिल रहा है। जनता काम और विकास के आधार पर दीपा को वोट देगी। इसलिए हम कह सकते हैं कि काम के आधार पर दीपा चुनाव जीत रही है।
इस मौके पर जीतन मांझी ने पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर भी खूब हमले किए। पिछले दिनों तेजस्वी यादव ने कहा था कि बिहार में अपराधियों की दिवाली है और बिहार में कानून व्यवस्था का दिवाला निकल गया है। इस पर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी उदाहरण देते हुए कहा कि जब सियार का पूछ नहीं रहता है तो सारे लोगों को कहता है कि पूछ कटा दो।
उन्होंने कहा कि तेजस्वी खुद आपराधिक प्रवृत्ति के हैं। उनकी पार्टी आरजेडी अपराधियों की पार्टी है। बिहार में दलितों की जिस भी जमीन पर अवैध कब्जा है उनमें 70 से 80 फीसदी कारनामे तेजस्वी यादव की पार्टी के लोगों के हैं। वहीं लालू प्रसाद पर भी उन्होंने हमला किया। लाल यादव के धरती पर अत्याचार बढ़ने वाले बयान पर जीतन मांझी ने कहा कि जिस लालू यादव ने खुद अत्याचार किया और अत्याचार के बूते चुनाव जीते वह ऐसी बात करें तो अच्छा नहीं लगता। लालू यादव को समझ में ही नहीं आता है कि अगर वह लाल चश्मा लगाए रहेंगे तो भला उन्हें पीला कैसे दिखाई देगा।
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वहीं जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने जीतन मांझी पर परिवारवाद का आरोप लगाया है। इसपर मांझी ने उन्हें भी निशाने पर लिया। साथ ही कहा कि प्रशांत किशोर को लालू परिवार पर परिवारवाद का आरोप लगाना चाहिए। कहा कि तेज प्रताप कहां कबड्डी खेल रहे थे, कहां से आकर विधायक और मंत्री बन गए।
तेजस्वी यादव कहां क्रिकेट खेल रहे थे, वहां से आकर वह विधायक और मंत्री बन गए। रोहिणी आचार्य कहां सिंगापुर में थी, वहां से आकर चुनाव लड़ गई। मीसा भारती कहां की कर्मठ और संघर्षशील नेता रही हैं, जो सांसद बन गई। परिवारवाद इसको कहते हैं, जहां तक दीपा मांझी की बात है तो वह जिला परिषद सदस्या रह चुकी हैं। दीपा पढ़ी-लिखी हैं। शुरू से वह माता-पिता की संस्था में साथ देकर हाथ बढ़ाया है। इमामगंज विधानसभा सीट पर दीपा मांझी से ज्यादा पढ़ा- लिखा उम्मीदवार नहीं है।