आज फादर्स डे (Fathers Day) पर सभी अपने पिता को याद कर रहे हैं। इधर, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने भी फादर्स डे पर अपने पिता को याद करते हुए भावुक मैसेज लिखा है। उन्होंने एक्स पर लिखा है कि मेरे मज़दूर पिता मुझे पढ़ाना चाहते थे लेकिन उनके मालिक ने कहा था कि ‘बेटे को पढ़ाकर कलेक्टर बनाओगे क्या?” उन्होंने कहा, ‘पिता ने कहा था कि बेटा मैं गांव छोड़कर कहीं और मज़दूरी कर लूंगा लेकिन तुम्हें पढ़ाकर रहूंगा। पिता की अहमियत मुझसे ज़्यादा शायद ही कोई समझ पाए।”
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की गिनती बिहार के बड़े दलित नेता में होती है। 1980 में सरकारी नौकरी छोड़कर राजनीति में जीतनराम माँझी ने कदम रखा। कांग्रेस, राजद और जदयू की सरकार में वह मंत्री भी बने। नीतीश कुमार ने अपने CM पद से इस्तीफा देकर उन्हें बिहार का मुख्यमंत्री बनाया। बाद में नीतीश कुमार से दूरी बनाने के कारण उन्होंने अपनी पार्टी हम (से) का गठन किया। उन्होंने अपनी पार्टी की कमान अपने पुत्र संतोष कुमार सुमन को सौंप दी। जीतनराम मांझी अभी केंद्र सरकार में मंत्री हैं। उनके पुत्र संतोष कुमार सुमन बिहार सरकार में मंत्री हैं।
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मांझी का जन्म बिहार राज्य के गया जिले के खिजरसराय के महाकर गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम रामजीत राम मांझी है जो एक खेतिहर मजदूर थे। उन्होंने 1966 में गया कॉलेज से स्नातक किया। वह महादलित मुसहर समुदाय से आते हैं। 1966 में, उन्होंने क्लर्क के रूप में काम करना शुरू किया और 1980 में नौकरी छोड़ दी।