सीएम नीतीश कुमार के बार-बार पला बदलने को लेकर प्रशांत किशोर के बयान पर सियासत तेज हो गई है। दरअसल जन सुराज यात्रा के दौरान एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने सीएम नीतीश कुमार को पलटी मारने वाला बताया था। उन्होंने ये भी कहा था कि नीतीश कुमार फिर से पलटी मारकर बीजेपी के साथ चले जाएंगे। और फिर से जनता को ठगने का काम करेंगे। प्रशांत किशोर के इस बयान के बाद जेडीयू और बीजेपी के रिश्तों को लेकर बयानबाजी शुरु होई गई है। हम ( हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने कुछ ऐसा कह दिया है जिसपर विवाद शुरू हो गया है।
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‘बीजेपी से हाथ मिलायेंगे नीतीश तो स्वागत करेगा हम’
जीतन राम मांझी ने कहा कि मेरा अपना व्यक्तिगत मानना है कि राजनीति में कुछ भी संभव है। उन्होंने कहा कि यदि नीतीश कुमार को लगता है कि सरकार चलाने में उन्हें परेशानी हो रही है तो राज्य हित में वो पला बदलना चाहे तो बदल सकते है। राज्य के हित के लिए यदि वह फिर बीजेपी से हाथ मिलाते हैं तो हम उनका स्वागत करते हैं। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि ये पहली बार नहीं है। इससे पहले महामाया बाबु ने भी कई बार पाला बदला था। जिसे लेकर उनसे सवाल भी किया गया था, तब उन्होंने कहा था कि यदि राज्य के हित के लिए मुझे 100 बार भी पाला बदलना पड़े तो बदलूँगा। इसी तरह यदि नीतीश भी करना चाहे तो कर सकते है, हम उनके साथ खड़ा है।
मांझी के समर्थन में उतरे प्रवक्ता दानिश रिजवान
जीतन राम मांझी के बयान पर हम के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने समर्थन किया है। उन्होंने कहा नीतीश जो भी फैसला लेंगे हम पार्टी उनका साथ देगी। साथ ही उन्होंने कहा कि मांझी जी के बयान का गलत मतलब निकाला जा रहा है। अभी हमसब मजबूती से महागठबंधन के साथ हैं।
बीजेपी के साथ कभी नहीं जाएंगे नीतीश- JDU-RJD
आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा नीतीश कुमार ने साफ कहा है कि नीतीश कुमार जीवन भर बीजेपी के साथ नहीं जाने वाले हैं इसलिए इस तरीके के बयानों का कोई माने मतलब नहीं है। वहीं जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक झा का कहना है बिहार और जेडीयू के हित में नीतीश कुमार ने पहले ही फैसला ले लिया, इसीलिए हमारा दल महागठबंधन में शामिल हुआ है। महागठबंधन में 7 पार्टियां हैं। भारतीय जनता पार्टी के साथ जाने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता। जबकि कांग्रेस प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने मांझी जी का बयान भी नहीं सुना। नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव, कांग्रेस पार्टी, वामदल का गठबंधन अटूट है। बाकी एक दो जो अन्य सहयोगी हैं वह हमारे साथ हैं जब तक रहेंगे हम सम्मान करेंगे उनका मन अगर डोल रहा है तो उसमें रोक नहीं सकते।