पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी हमेशा ही अपने बयानों के कारण सुर्ख़ियों में बने रहते हैं। वैसे तो वो सत्ता में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साझेदार है। उनकी पार्टी महागठबंधन में शामिल है। लेकिन इसके बावजूद भी वो जब मुँह खोलते हैं नीतीश कुमार के बारे में कुछ अटपटा ही बोल देते है। एक बार फिर उन्होंने कुछ ऐसा ही बयान दिया है। दरअसल पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर की गई टिप्पणी को लेकर बिहार की सियासत गरमाई हुई है। नीतीश कुमार ने इशारों- इशारों में ही सही सुधाकर सिंह पर कार्रवाई करने मांग की।
जिसके बाद खुद तेजस्वी यादव को आगे आकार सुधाकर सिंह पर कार्रवाई करने का संकेत देना पड़ा। इसी पुरे मामले में अब जितन राम मांझी ने एंट्री मारी है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ही नसीहत दे डाली कि यदि वो उनकी बात पहले ही मान लेते तो ऐसी नौबत नहीं आती।
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कोआर्डिनेशन कमेटी की मांग
जीतन राम मांझी ने सांकेतिक अंदाज में सुधाकर सिंह और नीतीश कुमार के प्रकरण के लिए नीतीश कुमार को ही दोषी ठहरा दिया है। उनके अनुसार ऐसी नौबत ही नहीं आती यदि कोआर्डिनेशन कमेटी को लेकर उनकी मांग मान ली जाती। दरअसल जीतन राम मांझी बार-बार महागठबंधन में एक कोर्डिनेशन कमेटी बनाने की मांग करते ही रहते हैं। कुछ दिनों पहले ही उन्होंने ये बात भी कही थी कि महागठबंधन में 7 दल शामिल है पर फैसला सिर्फ नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ही लेते है। जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए बल्कि महागठबंधन में एक कोआर्डिनेशन कमेटी बनाई जानी चाहिए। जो महागठबंधन से जुड़े हुए फैसले ले। अपनी इसी मांग को उन्होंने एकबार फिर से दोहराया है।
विरोध जरुरी पर मर्यादा में
जीतन राम मांझी ने सुधाकर सिंह के विरोध को गलत नहीं बताया हालांकि भाषा की मर्यादा पर जरुर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि राजनीति में किसी का विरोध करना कोई गलत बात नहीं है लेकिन भाषा की मर्यादा सबको रखनी चाहिए। सुधाकर सिंह जब से मंत्री पद से हटे हैं तब से वह निजी तौर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर अपशब्दों का प्रयोग कर रहे हैं। वो जिस पार्टी से ताल्लुक रखते हैं उस पार्टी के नेता को तुरंत तत्काल प्रभाव से सुधाकर सिंह पर कार्रवाई करनी चाहिए। तेजस्वी यादव कहते हैं कि राष्ट्रीय अध्यक्ष इस पर कार्रवाई करेंगे लेकिन जब तक कार्यवाही होगी तब तक सुधाकर सिंह रोज कुछ ना कुछ गलत बयान बाजी करते ही रहेंगे।