केन्द्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने अजमेर शरीफ दरगाह पर हुए विवाद मामले पर कहा कि यह एक ऐसा विष य है जिसपर कोई व्यक्तिगत रूप से कुछ नहीं कह सकता है। पहले तो विवाद करना नहीं चाहिए। सैकड़ों साल पुरानी बात है। पहले लोग कहां सोए हुए थे। आज ऐसी बात क्यों कर रहे है। अगर उसके बाद भी है तो पुरातत्व विभाग की रिपोर्ट के बाद कोर्ट में जाएंगे। उसके निर्णय को मानना चाहिए।
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अगर विवाद चल रहा है। विवाद के बाद पुरातत्व विभाग है, जिसको देखेगा। देखने के बाद सर्वे होगा उसके बाद निष्कर्ष निकलेगा तो उसके आलोक में कार्रवाई होती है। क्लेम करना कोई बड़ी बात नहीं है, क्लेम कोई भी कर सकता है। राम मंदिर के निर्माण होने के पहले भी यही हुआ था। फिर बाद में कोर्ट ने कहा तो बना। मुस्लिम गुरुओं द्वारा भी एक से एक दावा किया जा रहा है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग है तो जांच कर रहा है तो निष्कर्ष निकालेगा। अगर सचमुच में हिंदू धर्म का कोई साक्ष्य मिलेगा तो इसके अनुसार करेंगे।
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वहीं उन्होंने संभल हिंसा पर कहा कि अगर कोई ऐसी बात थी तो इसकी पहले भी बात होनी चाहिए थी। राम मंदिर का मामला तो बहुत पहले से चल रहा था। अब चुन चुनकर हर जगह मामला उठाया जा रहा है। तो इसे हम कोई फेयर चीज नहीं समझते हैं। इसलिए क्योंकि जो सैकड़ों साल से शांतिपूर्वक रह रहे हैं। दावा किए है तो ठीक है लेकिन, इसे हम उचित नहीं समझते है। अगर दावा किए है एएसआई सर्वे करेगा। कोर्ट में रिपोर्ट जाएगी। उसके बाद जो कोर्ट का निर्णय होगा, उसे दोनों पक्षों के लोगों को मानना चाहिए।