केंद्रीय मंत्री और हम (हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा) के संस्थापक जीतन राम मांझी ने बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर तीखा हमला किया। मांझी ने कहा कि तेजस्वी यादव को आरक्षण के मुद्दे पर बात करने का कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि उन्हें इसके अर्थ और महत्व की समझ नहीं है। जीतन राम मांझी ने तेजस्वी यादव की पारिवारिक पृष्ठभूमि पर सवाल उठाते हुए कहा कि “तेजस्वी यादव आज राजनीति में हैं क्योंकि उनके माता-पिता मुख्यमंत्री रह चुके हैं। उनके परिवार का कोई आंदोलनकारी इतिहास नहीं रहा है। आरक्षण के मुद्दे को समझने और उस पर बोलने का अधिकार केवल उन लोगों को है जिन्होंने इसका अनुभव किया है।”
उन्होंने खुद और चिराग पासवान का उदाहरण देते हुए कहा कि “हम उसी वर्ग से आते हैं और आरक्षण का लाभ लेकर समाज के लिए काम कर रहे हैं। तेजस्वी को आरक्षण की वास्तविकता समझने की जरूरत है।” मांझी ने कांग्रेस पर भी निशाना साधते हुए कहा कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू आरक्षण के विरोधी थे। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस केवल डॉ. बी.आर. आंबेडकर का नाम लेती है, लेकिन उनके विचारों का पालन नहीं करती।
विपक्ष द्वारा गृह मंत्री अमित शाह पर आंबेडकर के अपमान का आरोप लगाने पर मांझी ने कहा कि “यह आरोप केवल इसलिए लगाए जा रहे हैं क्योंकि विपक्ष के पास कोई ठोस मुद्दा नहीं है। अमित शाह ने सवाल किया था कि कांग्रेस जो आंबेडकर का नाम लेती है, क्या वह उनके सिद्धांतों को मानती भी है? मौजूदा सरकार आंबेडकर का सम्मान करती है और देश को आर्थिक और राजनीतिक रूप से आगे ले जाने का एजेंडा रखती है।”
जीतन राम मांझी ने हाल ही में संसद में हुई अप्रिय घटना का उल्लेख करते हुए इसे संसदीय इतिहास की दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताया। उन्होंने कहा कि “यह पहली बार है कि दो सांसदों को घटना के बाद अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। विपक्ष का संसद को बाधित करने का रवैया लोकतंत्र के लिए हानिकारक है। उन्हें सहयोगात्मक रवैया अपनाना चाहिए।”