राजनीतिक दृष्टिकोण से देखें तो बिहार में पिछले कुछ समय से यात्राओं का दौर चल रहा है। जिसकी शुरूआत चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर से हुई। प्रशांत किशोर अपनी जनसुराज यात्रा के तहत बिहार के अलग जिलों के प्रखंड स्तर तक पहुंच रहे है। वही दूसरी तरफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी समाधान यात्रा में जुटे हुए हैं। इस यात्रा में वो बिहार के अलग- अलग जिलों का भ्रमण कर वहां के विकास योजनाओं का जायजा ले रहे है। इन सब के बीच यात्रा के इस दौर में एक और नाम जुड़ा है और वो नाम पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का है। जीतन राम मांझी ने अपनी यात्रा का नाम गरीब संपर्क यात्रा रखा है।
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12 से 22 फरवरी तक चलेगी गरीब संपर्क यात्रा
दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा सेकुलर के संरक्षक जीतन राम मांझी आज से गरीब संपर्क यात्रा पर निकलने वाले हैं। इस यात्रा की शुरुआत आज यानी 12 फरवरी से होगी जो 22 फरवरी तक चलेगी। बता दें कि इस यात्रा कि शुरुआत नवादा जिले से होगी। नवादा से शुरू होकर 14 फरवरी को जहानाबाद, 16 फरवरी को अरवल, 17 और 18 फरवरी को औरंगाबाद और 20, 21, 22 फरवरी को गया में होगी। जबकि 26 फरवरी को गया के गांधी मैदान में विशाल जनसभा की जाएगी।
नीतीश पर मांझी को भरोसा है?
मांझी की इस यात्रा को लेकर बड़ा सवाल ये हैं कि क्या उन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भरोसा नहीं है? आखिर क्यों नीतीश कुमार की समाधान यात्रा के बाद भी मांझी को एक नई यात्रा निकालनी पड़ रही है? इन सवालों का जवाब भी मांझी ने यात्रा की घोषणा करने के समय ही दे दी थी। उन्होंने कहा था कि नीतीश कुमार अच्छा काम कर रहे हैं और उनकी नियत में खोट नहीं है। वह प्रयास कर रहे हैं लेकिन कुछ पदाधिकारियों के गलती से जो नीतीश कुमार की सोच है वह धरातल पर नहीं पहुंच पा रही है।
इसलिए ही हमलोगों ने जनसंपर्क के माध्यम से सूचना ग्रहण करने के बारे में सोचा है। ताकि ये पता चले कि कहां पर नल जल , इंदिरा आवास, राशन कार्ड, भूमि सुधार सहित अन्य योजना की व्यवस्था हुई है या नहीं, यदि हुई है तो इसमें क्या सुधार की गुंजाइश है। सभी पहलुओं का फीडबैक नीतीश कुमार को सौंपा जाएगा।