बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 13 दिसंबर, 2024 को आयोजित 70वीं संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर शुरू हुई राजनीति अब पूरे राज्य में गरमा गई है। यह मामला सोमवार को एक नई दिशा में मोड़ लिया, जब जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर को पुलिस ने गांधी मैदान से गिरफ्तार कर लिया। वह 2 जनवरी से आमरण अनशन पर बैठे थे, जो परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर था।
BPSC मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई… प्रशांत किशोर हाईकोर्ट में दायर करेंगे याचिका
प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी के बाद, राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है। राजद के राज्यसभा सांसद और प्रवक्ता मनोज झा ने आरोप लगाया है कि प्रशांत किशोर छात्रों के आंदोलन को हाईजैक करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “यह छात्रों का आंदोलन था। छात्र आंदोलन की एक खासियत होती है कि राजनीतिक दल और राजनीतिक नेता समर्थन तो देते हैं, लेकिन मंच को हाईजैक करने की कोशिश कोई नहीं करता। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने भी यही बात कही। वह धरनास्थल पर गए और अभ्यर्थियों से संवाद भी किया। राजनीतिक दल केवल छात्रों के समर्थन में आंदोलन करते हैं, लेकिन उनके मंच पर कब्जा नहीं करते।”
BPSC मुद्दे को लेकर पप्पू यादव ने 12 जनवरी को बिहार बंद का किया ऐलान
मनोज झा ने कटाक्ष करते हुए कहा कि यह मामला दोनों दलों का आपसी विवाद प्रतीत होता है, और यह स्पष्ट करना कठिन है कि इस पर क्या कहा जाए। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बार-बार यह कहने कि ‘दो बार गलती हो गई, अब गलती नहीं करेंगे’ को लेकर सांसद ने कहा, ‘यह तो आप ही बताएंगे कि वे बार-बार क्यों कह रहे हैं। वे कहते नहीं हैं, बल्कि अपराधबोध में दुखी होकर ऐसा कहते हैं। ऐसा लगता है कि नीतीश कुमार को जबरदस्ती पपेट बनाया जा रहा है।’
वहीं राजद सांसद प्रो मनोज झा ने कहा है कि यूजीसी और शिक्षा के साथ लोग के साथ लोग खिलवाड़ कर रहे हैं। गुणवत्ता के नाम पर कुलपति की नियुक्ति, अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति में दखल देना गलत है।