बिहार राज्य में बाढ़ का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। राज्य की प्रमुख नदियां जैसे गंगा, पुनपुन, घाघरा, गंडक, बूढ़ी गंडक, बागमती, कोसी और परमान खतरे के निशान को पार कर चुकी हैं या फिर पार करने की कगार पर हैं।
पटना में गंगा और पुनपुन का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। दीघाघाट, गांधीघाट और हाथीदह में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से काफी ऊपर पहुंच गया है। इसी तरह, श्रीपालपुर में पुनपुन नदी भी खतरे के निशान को पार कर चुकी है।
अन्य जिलों की स्थिति:
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- सीवान: घाघरा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है।
- गोपालगंज: गंडक नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है।
- खगड़िया: बूढ़ी गंडक और कोसी नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है।
- मुजफ्फरपुर: बागमती नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है।
- कटिहार: कोसी नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है।
- अररिया: परमान नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है।
प्रशासन अलर्ट:
राज्य सरकार और जिला प्रशासन इस स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें खतरे वाले इलाकों में तैनात की गई हैं। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
आपदा से बचाव के उपाय:
- सावधान रहें: लगातार समाचारों और स्थानीय अधिकारियों के निर्देशों पर ध्यान दें।
- सुरक्षित स्थान पर जाएं: यदि आप बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में रहते हैं, तो सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए तैयार रहें।
- जरूरी सामान साथ रखें: दवाइयां, खाद्य सामग्री, पानी और अन्य आवश्यक सामान अपने साथ रखें।
- बिजली के उपकरणों से दूर रहें: बाढ़ के पानी में बिजली के उपकरणों को न छुएं।
- सहायता के लिए प्रशासन से संपर्क करें: यदि आपको किसी भी प्रकार की मदद की आवश्यकता है, तो तुरंत स्थानीय प्रशासन से संपर्क करें।