अशांत मणिपुर से एक हिला देने वाली खबर सामने आई है। यहां शनिवार दे शाम को काकचिंग जिले में अज्ञात बदमाशों ने दो मजदूरों की गोली मारकर हत्या कर दी। अज्ञात बंदूकधारियों ने जिन प्रवासी मजदूरों को गोली मारी, वे बिहार के रहने वाले थे। पुलिस ने कहा कि मजदूरों की पहचान 18 वर्षीय सुनालाल कुमार और 17 वर्षीय दशरथ कुमार के रूप में हुई है। दोनों मजदूर साइकल पर काम से लौट रहे थे।
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पुलिस ने बताया कि मजदूरों की पहचान कर ली गई है। वे बिहार के गोपालगंज जिले के राजवाही गांव के रहने वाले थे। ववे वबागई माखा लेईकाई में मजदूर के तौर पर काम कर रहे थे। शनिवार शाम को दोनों मजदूरी करके वापस लौट रहे थे। तभी काकचिंग जिले के कीरक में शाम को उन्हें गोली मार दी गई। दोनों निर्माण श्रमिक थे और मैतेयी के प्रभुत्व वाले काकचिंग में किराये के मकान में रहते थे। वहीं, हत्या की खबर मिलते ही परिजनों में कोहराम मचा है।
बताया जाता है कि राजवाही बिन टोली से 10 से 12 की संख्या में मजदूर मणिपुर के काकचिंग जिले में राजमिस्त्री का काम करने दीपावली के एक दिन बाद गये थे। जहां बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कार्य में इन्हें काम मिला था। कल शनिवार की शाम करीब 5.20 बजे काकचिंग-वाबागई रोड पर हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। दोनों श्रमिकों की हत्या के बाद से बाकी साथियों में दहशत है और सभी घर लौटने के लिए मदद के इंतजार में हैं। सरकार और प्रशासन से मृतकों के शवों को लाने के लिए गुहार लगा रहें हैं।
इधर, डीएम प्रशांत कुमार सीएच ने इस मामले में प्रशासनिक स्तर पर मृतकों के आश्रितों को मदद दिलाने का भरोसा दिलाया है। बताया जाता है कि गंडक नदी की त्रासदी से परिवार की आर्थिक स्थिति बिगड़ गयी थी। राजवाही बिन टोली से राज मिस्त्री और निर्माण श्रमिक के रूप में कई मजदूर काम करने के लिए मणिपुर गये थे। इन प्रवासी श्रमिकों को पता नहीं था कि जातीय हिंसा से झुलस रहे मणिपुर में उनके साथ अनहोनी हो सकती है। दो श्रमिकों की हत्या के बाद से गंडक नदी के दियरा इलाके में बसे श्रमिकों के परिजनों में चीख-पुकार मची हुई है।