बिहार सरकार ने 17 जिलों में नए बालू घाटों की मंजूरी और चालू घाटों से खनन शुरू कराने में देरी को लेकर सख्त रुख अपनाया है. खान एवं भूतत्व विभाग ने इस मामले में लापरवाही बरतने वाले दो खनिज विकास पदाधिकारियों पर कार्रवाई की है.
इन पर हुई कार्रवाई
- दरभंगा: एक बालू घाट को मंजूरी मिलने के बाद भी वहां खनन शुरू नहीं हो पाया. विभाग ने इसकी जिम्मेदारी खनिज विकास पदाधिकारी पर तय की है. उनका कहना है कि यूजर आईडी नहीं मिलने के कारण खनन शुरू नहीं हो पा रहा है. इस मामले में विभाग ने खनिज विकास पदाधिकारी का वेतन अगले आदेश तक रोकने का आदेश दिया है. साथ ही उन्हें जल्द से जल्द यूजर आईडी प्राप्त करने के निर्देश दिए गए हैं.
- सारण: सारण जिले में भी खनन शुरू कराने में देरी हुई है. यहां 13 बालू घाटों के लिए अभी तक ई-नीलामी ही नहीं कराई गई है. विभाग का आरोप है कि खनिज विकास पदाधिकारी ने दैनिक समाचार पत्रों में विज्ञापन जारी नहीं करवाया और विभागीय बैठकों में भी अनुपस्थित रहे. विभाग ने उनका मई महीने का वेतन रोक दिया है और स्पष्टीकरण मांगा है. साथ ही उन्हें एक सप्ताह के अंदर इन 13 घाटों के लिए ई-नीलामी का विज्ञापन प्रकाशित करने का आदेश दिया गया है.
कौन से जिले प्रभावित?
इस मामले में कुल 17 जिले प्रभावित हैं, जिनमें दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, किशनगंज, पूर्णिया, सारण, गोपालगंज, सीवान, सीतामढ़ी, बेतिया, मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, शिवहर और वैशाली शामिल हैं. इन 17 जिलों में कुल 132 बालू घाट हैं. इनमें से अभी तक 93 घाटों की ई-नीलामी ही नहीं हुई है. सिर्फ 39 घाटों की ही नीलामी हो पाई है और सिर्फ 16 घाटों को पर्यावरण संबंधी मंजूरी मिली है. इनमें से भी केवल 10 घाटों पर ही खनन शुरू हो सका है.
विभाग के निर्देश:
- सभी जिलों के खनिज विकास पदाधिकारियों को रोजाना बालू घाटों का निरीक्षण कर रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया गया है, जिसमें फोटो और वीडियो भी शामिल होने चाहिए.
- मधुबनी जिले में अवैध खनन की लगातार शिकायतें मिल रही हैं. विभाग ने इस जिले में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक टीम गठित कर रोजाना छापेमारी करने का आदेश दिया है.
- जिन 9 जिलों में अभी तक किसी भी घाट पर खनन शुरू नहीं हो पाया है, वहां विभाग ने जल्द से जल्द काम शुरू कराने का निर्देश दिया है.