बिहार में बाढ़ (Bihar Flood) से 16 जिले प्रभावित हैं। हालांकि सरकार की तरफ से राहत कार्य चलाया जा रहा है। लोगों को बचाने के लिए सरकारी स्तर पर कोशिश की जा रही है। बाढ़ का पानी पहले से सामान्य भी नजर आ रहा है। सीतामढ़ी और दरभंगा को छोड़ दें तो कुछ जिलों में पानी कम हुआ है। लेकिन इस बीच बिहार सरकार के ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी ने बड़ा बयान दे दिया है। उन्होंने बाढ़ को लेकर अपनी ही सरकार की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
उन्होंने कहा कि बाढ़ का समय खत्म हो गया था। लेकिन हम लोग अगर और भी चौकस रहते तो जो हालात बने हैं वो हालात नहीं बन पाता। उन्होंने कहा कि हमारी समझ से 60-70 साल बाद कोशी के इलाके में ऐसा बाढ़ आया है। इससे कुछ जगहों पर कई बांध टूट गए। जब हमारे अधिकारी और हर कोई समझ रहा था कि अब बाढ़ नहीं आएगा अब सब खत्म हो गया। इसलिए सब लोग रिलेक्स हो गए थे। लेकिन, यदि जल संसाधन विभाग अधिक सतर्क रहता और चौकस रहता तो शायद ऐसा नहीं होता। आज जो हो रहा है वह चिंता का विषय है।
तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार को 2008 आई बाढ़ की याद दिलाई, तब लालू यादव ने…
हालांकि बाद में उन्होंने बात को संभालते हुए कहा कि आज नीतीश कुमार के राज में बाढ़ से बचने के हर संभव उपाय किए जा रहे हैं। हालांकि, हमारे नेता सभी चीजों पर नजर बनाए हुए हैं। इसको लेकर आज ही सभी बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों की मदद के लिए कुछ धन राशि दिए जाएंगे। हमलोग इनको लेकर हर संभव उपाय कर रहे हैं। सरकार अपने तरह से चीजों को देख रही है। उन्होंने तेजस्वी यादव के उस ट्वीट पर जिसमें उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह की सरकार ने किस तरीके से बिहार में बाढ़ को लेकर लोगों को सहायता दी थी कहा कि अगर उस समय यूपीए की सरकार हमें पैकेज दे देती तो आज बिहार कहां से कहां चला गया होता।