बिहार में शराबबंदी खत्म करने के पक्ष में अब केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री पशुपति कुमार पारस भी उतर गए हैं। उन्होंने साफ कहा है कि बिहार में कानूनविदों से सलाह लेकर शराबबंदी कानून में संशोधन कर दारू की दुकानें को खोल देना चाहिए, जिससे सरकार का राजस्व की स्थिति सुदृढ़ हो सके। गुरुवार को केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पूरा राज्य का प्रशासन दारू और बालू के अवैध वसूली के धंधों में लगी हुई है, जिसका नतीजा है कि सरकार के संरक्षण में माफिया फूल-फल रहे हैं और प्रशासन मूकदर्शक बनकर हाथ पर हाथ रख बैठी हुई है।
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‘सरकार के संरक्षण में बिक रही शराब’
केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने साफ कहा कि बिहार में दारू रूकनेवाला नहीं है। यह बात मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी मालूम है। क्योंकि महागठबंधन सरकार के संरक्षण में दारू का अवैध धंधा चल रहा है। साफ शब्दों में कहा जाए तो शराब सभी जगह बिक रहा है। यह बात सरकार भी बखूबी जान रही है। इसलिए बिहार में शराबबंदी समाप्त कर देनी चाहिए। इसमें जो भी कानूनी अड़चन हो उसे कानूनविदों से सलाह लेकर शराबबंदी कानून में संशोधन कर सरकार को शराब की दुकानें खोल देनी चाहिए।
‘लोकसभा चुनाव से पहले बिखरेगा महागठबंधन’
वहीं जदयू के संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा के उपर महागठबंधन के नेताओं द्वारा हो रहे हमले पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उपेन्द्र जी को फैसला लेना है कि वे कहां रहेगें। आगे महागठबंधन सरकार में आपसी तालमेल नहीं है। महागठबंधन की सरकार टूट कर अब सिर्फ लठबंधन की सरकार बच गयी है। 2024 लोकसभा चुनाव आते-आते महागठबंधन टूट कर बिखर जाएगा। इसके बाद एनडीए फिर से नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दो तिहाई बहुमत से सरकार बनाएगी।