बिहार सरकार के मंत्रिमंडल में नीतीश कुमार अभी जिस स्थिति में हैं, वैसा कभी नहीं रहे। विवाद और मतभेद पहले भी रहे होंगे। लेकिन कैबिनेट की मीटिंग से कोई मंत्री नाराज होकर नहीं निकला। व्यवस्था और अधिकारियों पर तो सवाल पहले भी कुछ मंत्रियों ने उठाए हैं। लेकिन इस बार सीधे निशाने पर नीतीश कुमार हैं। मामला कृषि मंत्री सुधाकर सिंह से जुड़ा है। राजद के विधायक हैं। राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे हैं। कुछ महीने छोड़ दें तो 17 सालों से बिहार के सीएम नीतीश कुमार के वर्तमान मंत्रिमंडल में सुधाकर सिंह कृषि मंत्री हैं। लेकिन सुधाकर सिंह का कहना है कि 17 सालों में बिहार ने बहुत कुछ झेला है।
शहाबुद्दीन की भाषा बोल रहे मंत्री
नीतीश कुमार जब भी महागठबंधन में आते हैं, एक सवाल उठने लगता है कि राजद के नेताओं के लिए वे सिर्फ सीएम हैं या फिर उनके नेता भी। सवाल उठे हैं तो जवाब भी आया है। 2015 में पहली बार महागठबंधन की सरकार बनने के कुछ दिन बाद पूर्व सांसद शहाबुद्दीन जेल से बाहर निकले। भागलपुर जेल से निकलने के बाद सीवान पहुंचने तक में शहाबुद्दीन ने नीतीश कुमार के बारे में अपनी सोच जाहिर कर दी। शहाबुद्दीन ने कहा था कि नीतीश कुमार सिर्फ परिस्थितियों के मुख्यमंत्री हैं। उनके नेता लालू यादव हैं, नीतीश कुमार सीएम हैं। नेता वाली बात पर मंत्री सुधाकर सिंह भी शहाबुद्दीन वाली भाषा बोल रहे हैं।
“17 सालों में बहुत लोगों ने सहा”
मंत्री सुधाकर सिंह ने बुधवार को कहा कि नीतीश कुमार सीएम हैं, महागठबंधन के नेता हैं। लेकिन मेरे मंत्री रहने या नहीं रहने का निर्णय सिर्फ लालू यादव का होगा। सुधाकर सिंह यहीं नहीं रुके। उन्होंने आगे कहा कि सरकारों के खेल से कोई बचा है क्या? शहाबुद्दीन जेल में रहे और वहीं उनकी मौत हो गई। 17 सालों में बहुत सहा है बिहार ने। 17 सालों में शहाबुद्दीन, आनंद मोहन, जॉर्ज साहब, दिग्विजय सिंह सबने बहुत झेला है। उन्होंने आगे कहा कि मैंने भी झेला है। जेल तक भेज दिया गया हूं। लेकिन जब तक मंत्री हूं, विभाग को खूंटा ठोक के चलाएंगे।