समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का आज निधन हो गया। 82 साल की उम्र में उन उन्होंने गुरुग्राम में स्थित मेदांता अस्पताल में उन्होंने अपनी आखरी साँस ली। उनके समर्थक उन्हें प्यार से नेता जी कह कर बुलाते थे। युपी के एक छोटे से गाँव सैफई से आने वाले लड़के मुलायम सिंह यादव का ‘नेता जी’ बनने तक का सफर बहुत रोचक है। आज उनके इसी सफर के बारे में आपको बताएँगे।
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जिस स्कूल में पढ़े उसी में शिक्षक बने
मुलायम सिंह यादव का जन्म 22 नवम्बर 1939 उतर प्रदेश के इटावा जिले के सैफई गांव के एक किसान परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम सुघर सिंह यादव और माता का नाम मूर्ति देवी था। करहल क्षेत्र के जैन इंटर कॉलेज में उन्होंने साल 1955 में नौवीं कक्षा में दाखिला लिया और यहीं से 1959 में इंटर किया। साल 1963 में इसी जैन इंटर कॉलेज से उन्होंने अपने शैक्षणिक करियर की शुरुआत की। वो वहाँ सहायक अध्य्यापक के रूप में कुछ समय तक कार्यरत रहे।
पिता बनाना चाहते थे पहलवान
मुलायम सिंह यादव के पिता सुघर सिंह यादव उन्हें पहलवान बनाना चाहते थे। अपने जवानी का कुछ समय मुलायम सिंह यादव अखाड़े में गुजारा और पहलवानी के दांव को सीखा। पर नियति को कुछ और मंजूर था। नियति ने उन्हें पहलवानी के अखाड़े से उठा कर राजनीतिक अखाड़े में पटक दिया। दरअसल एक पहलवानी के एक मैच के दौरान ही उनकी मुलाकात चौधरी नत्थूसिंह से हुई। जो उनके राजनीतिक गुरु बने। 1967 में पहली बार मुलायम सिंह यादव अपने गुरु चौधरी नत्थूसिंह की परंपरागत विधानसभा सीट जसवंत नगर से विधायक बने। उसके बाद फिर कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा, राजनीति में ऊँचाई की सीढ़ी दिन प्रतिदिन चढ़ते रहे।
राममनोहर लोहिया से हुए प्रभावित
समाजवाद के पुरोधा कहे जाने वाले नेता राममनोहर लोहिया से मुलायम सिंह यादव अपने छात्र जीवन से ही प्रभाविर थे। वर्ष 1954 में मात्र 15 वर्ष की आयु में वो राम मनोहर लोहिया के आह्वान पर नहर रेट आंदोलन में कूद पड़े। जिसमें उन्हें पहली बार जेल भी जाना पड़ा। वो केके कॉलेज छात्रसंघ के अध्यक्ष चुने गए थे। राममनोहर लोहिया के समजवाद से वो इतने ज्यादा प्रभावित थे कि बाद में बाद में चलकर समाजवादी पार्टी का गठन भी किया। वो राममनोहर लोहिया के स्वघोषित उतराधिकारी थे।
एक बार रक्षा मंत्री और तीन बार यूपी के मुख्यमंत्री बने
मुलायम सिंह यादव तीन बार यूपी के मुख्यमंत्री रहे। पहली बार साल 1989 -1991 तक, दूसरी बार 1993 -1995 तक और तीसरी बार 2003 – 2007 तक वो मुख्यमंत्री रहे। साल 1996 -1998 तक एच डी देवगोडा के प्रधानमंत्री रहते मुलायम सिंह यादव ने रक्षा मंत्री का कार्यभार संभाला। वो आठ बार विधायक के रूप में चुनाव जीते। साल 1967 में पहली बार विधायक बने, उसके 1974, 1977, 1985, 1989, 1991, 1993, 1996 और 2004 में भी विधयक के रूप में चुनाव जीते। सांसद के रूप में उन्होंने 1996 में मैनपुरी, 1998 में संभल, फिर 1999 में संभल से ही चुने गए। इसके बाद 2004-2009 में मैनपुरी के सांसद बने। 2014 में आजमगढ़ और 2019 में एकबार फिर से मैनपुरी से सांसद चुने गए।