मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट (Muzaffarpur Loksabha Seat) पर आज पांचवें चरण में मतदान हो रहा है। इस बार यहां उन्हीं दो उम्मीदवारों के बीच मुख्य मुकाबला है, जिनके बीच 2019 में टक्कर हुई थी। बस अंतर यह है कि दोनों उम्मीदवारों की पार्टी इस बार बदल गई है। भाजपा के राजभूषण निषाद और कांग्रेस के अजय निषाद के बीच मुकाबला है। 2019 में अजय निषाद भाजपा के टिकट पर लड़े थे और वीआईपी के टिकट पर मैदान में उतरे राजभूषण निषाद को हराया । 2014 में भी भाजपा के टिकट पर अजय निषाद जीते थे। लोकसभा चुनाव 2009 में मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट से अजय निषाद के पिता जयनारायण निषाद ने जदयू के टिकट पर जीत दर्ज की थी।
शुरुआत में कांग्रेस का गढ़ रही
बिहार की अन्य सीटों की तरह मुजफ्फरपुर भी शुरुआत में कांग्रेस का गढ़ रही। यहां 1952 में कांग्रेस के श्याम नंदन सहाय पहले सांसद बने। 57 में पीएसपी के अशोक मेहता जीते तो 62 और 67 में कांग्रेस के दिग्जिवय नारायण जीते। 1971 में कांग्रेस के बड़े नेता नवल किशोर सिन्हा यहां से जीते। 1977 और 80 में जनता पार्टी के टिकट पर जार्ज फर्नांडिस जीते। 84 की कांग्रेस लहर में पार्टी के ललितेश्वर शाही विजयी रहे। 89 और 91 में जनता दल के टिकट पर फर्नांडिस फिर जीते। 1996, 98 और 99 में जद से जय नारायण निषाद ने हैट्रिक बनाई। 2004 में जद-यू के टिकट पर फर्नांडिस को जीत मिली। 2009 में जय नारायण की जीत के बाद से यह सीट निषाद परिवार के पास रही। वे जदयू से जीते तो अजय 2014 और 19 में भाजपा के टिकट पर जीते।
मुजफ्फरपुर लोकसभा क्षेत्र में 6 विधानसभा सीटें आती हैं। गायघाट विधानसभा सीट, यहां आरजेडी के कब्जे में है। औराई विधानसभा सीट से अभी बीजेपी के विधायक हैं। बोचहां विधानसभा सीट आरक्षित है। यहां से अभी आरजेडी के अमर पासवान विधायक हैं। सकरा विधानसभा सीट आरक्षित है। यहां से जेडीयू के अशोक कुमार चौधरी विधायक हैं। कुरहनी विधानसभा सीट से बीजेपी के विधायक हैं। मुजफ्फरपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस बृजेंद्र चौधरी विधायक हैं। मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट में सवर्ण मतदाता सर्वाधिक हैं। इसके बाद इस सीट में मुस्लिम, यादव और वैश्य वोटर हैं।