नालंदा में इलाज के अभाव में तीन साल के मासूम की मौ’त हो गयी। डॉक्टरों की हड़ताल के कारण उस मासूम को अपनी जान गवानी पड़ी। मामला जिले के एक मात्र ISO प्रमाणित सदर अस्पताल बिहारशरीफ का है। घटना के बाद से परिजनों के आँखों से आंसू रुक नहीं रहे है। उनके घर का चिराग यूं बुझ जाएगा इसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी।
दरअसल, शनिवार को खेलने के दौरान बच्चा तालाब में डूब गया था, जिसे आनन-फानन में परिजन अस्पताल लेकर पहुंचे। लेकिन इमरजेंसी में कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था। परिजन आधे घंटे तक इधर से उधर भटकते रहे तब जाकर किसी तरह उसका इलाज शुरू हुआ, लेकिन तबतक मासूम की जान चली गई। इमरजेंसी सेवा बंद रहने के कारण बच्चे की मौत से परिवार वालों में आक्रोश भी देखने को मिला।
वहीं, घटना के बाद परिजन बच्चे के शव को बाइक से वापस लेकर चले गए। आपको बता दें कि कोलकाता में महिला चिकित्सक के साथ हुई दरिं’दगी को लेकर शनिवार को IMA के आह्वान पर सरकारी व गैर सरकारी क्लीनिक में इमरजेंसी सेवा छोड़कर सभी सेवाएं बाधित है।