उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में कांवड़ मार्ग (Kanwar Way) पर मौजूद दुकानों पर काम करने वाले या मालिकों के नाम लिखने का निर्देश दिया गया है। जिसके बाद पुलिस के इस आदेश पर सवाल उठाए जा रहे हैं। विपक्षी दलों के साथ भाजपा के सहयोगी दल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जद (यू) ने भी इस आदेश को लेकर ऐतराज किया है। जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि बिहार, यूपी और राजस्थान समेत देश भर में कई जगहों पर कांवर यात्रा निकाली गई। उन्होंने कहा कभी भी कोई सांप्रदायिक दंगा नहीं हुआ। यदि कोई असामाजिक तत्व है तो पुलिस उनसे निपटने में सक्षम है। अगर हम धार्मिक स्तर पर सीमांकन करते हैं, तो सांप्रदायिक सद्भाव प्रभावित होगा।
केसी त्यागी ने कहा, पश्चिमी यूपी बेल्ट में जहां से यात्रा गुजरती है, वहां ऐसी जगहों हैं जहां 30-40% आबादी मुस्लिम है। मुस्लिम कारीगर तीर्थयात्रियों द्वारा ले जाने वाले कांवड़ बनाने और यात्रियों के लिए भोजन की व्यवस्था करने में भी शामिल होते हैं। त्यागी ने कहा, सुरक्षा व्यवस्था के तहत कदम उठाना ठीक है, लेकिन ऐसा कोई संदेश नहीं जाना चाहिए जिससे सांप्रदायिक विभाजन पैदा हो। क्या यात्रा के मार्ग पर कभी कोई दंगा हुआ है?
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उन्होंने कहा कि इससे बड़ी कांवड़ यात्रा बिहार में निकलती है। वहां इस तरह का कोई आदेश नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी की जो व्याख्या भारतीय समाज, NDA के बारे में है- ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’, यह प्रतिबंध इस नियम के विरुद्ध है। बिहार में नहीं(आदेश) है, राजस्थान से कांवड़ गुजरेगी वहां नहीं है। बिहार का जो सबसे स्थापित और झारखंड का मान्यता प्राप्त धार्मिक स्थल है वहां नहीं है। इसपर पुनर्विचार हो तो अच्छा है।”