औरंगाबाद : अति नक्सल प्रभावित औरंगाबाद के मदनपुर थाना क्षेत्र में मैन बिगहा मोड़ से लंगुराही स्थित सीआरपीएफ कैम्प तक सुगम संपर्क के लिए बन रहे सड़क से बौखलाए नक्सलियों ने सड़क निर्माण के कार्य में लगी कंपनी के बेस कैम्प पर हमला बोल एक जेसीबी मशीन को फूंक दिया। घटना मदनपुर के दक्षिणी उमंगा पंचायत के चिल्हमी गांव के पास की है। हालांकि पुलिस ने घटना को नक्सलियों की करतूत होने की पुष्टि नहीं की है। मौके से पुलिस ने लाल और हरे रंग के स्केच पेन से लिखा एक पोस्टर भी बरामद किया है। पोस्टर में नक्सलियों ने कई तरह की चेतावनी दी है।
मिली जानकारी के मुताबिक मैन बिगहा मोड़ से चिल्हमी गांव होते हुए सीआरपीएफ के लंगुराही स्थित कैम्प तक सड़क का निर्माण हो रहा है। निर्माण कार्य में सुविधा के लिहाज से सड़क निर्माण का ठेका लेने वाली कंस्ट्रक्शन कंपनी ने चिल्हमी गांव के पास ही बेस कैम्प बना रखा था। इसी बेस कैम्प पर बुधवार को देर रात नक्सलियों ने धावा बोला। धावा बोलते ही नक्सलियों ने बेस कैम्प में रह रहे ठेकेदार के सभी कर्मचारियों को वही पर एक कमरे में बंद करा दिया। इसके बाद बेस कैम्प में खड़े एक जेसीबी मशीन को आग के हवाले कर दिया। घटना को अंजाम देने के बाद नक्सलियों ने बेस कैंप के एक कमरे की दीवार पर हस्तलिखित पोस्टर भी चिपकाया है, जिसे घटना की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने जब्त कर लिया है।
लाल और हरे रंग के स्केच पेन से लिखे पोस्टर में लाल सलाम-लाल सलाम, भारतीय कम्यूनिष्ट पार्टी माओवादी जिंदाबाद, सत्ता के द्वारा बनाया गया योजना कागजों पर सीमित है-इसलिए गरीब मजदूर एक है, पूंजीवादी योजना के लिए जल जमीन जंगल का दोहन बंद करो, सत्ता में बैठें पूंजीवादी दलाल गरीब मजदूर पर शोषण बंद करो, सामंतवादी पूंजीवादी पुलिस दलाल मुर्दाबाद एवं माफिया दलाल गठजोड़ सरकार मुर्दाबाद का नारा लिखा है। पोस्टर के अंत में निवेदक के रूप में रिजनल कमिटी माओवादी (मध्य) लिखा है। पोस्टरबाजी से इलाके में दहशत का माहौल है।
घटना के प्रत्यक्षदर्शी रहे सड़क निर्माण कंपनी के कर्मचारी छोटू कुमार ने बताया कि रात में कुछ लोग बेस कैंप पर आए। कहा कि तुम सभी एक कमरे में चले जाओ और कमरा अंदर से बंद कर लो। इसके बाद हमलोग डर कर एक कमरे में जाकर अंदर से बंद हो गए। इसके बाद उन्होने क्या किया, वह नही जानते लेकिन काफी देर बाद जब वें लोग कमरे से बाहर निकले तो जेसीबी को जला हुआ देखा और दीवार पर पोस्टर चिपका देखा। रात का अंधेरा होने के कारण वे हमलावरों को पहचान नहीं सके।
बिहार के चार विश्वविद्यालयों में नए कुलपतियों की नियुक्ति
घटना की सूचना मिलने पर औरंगाबाद के पुलिस अधीक्षक अम्बरीष राहुल, सदर एसडीपीओ-2 अमित कुमार एवं मदनपुर थानाध्यक्ष सदल बल मौके पर पहुंचे। मामले की छानबीन की और सड़क निर्माण कंपनी के कर्मियों से घटना की विस्तार से जानकारी ली। छानबीन के बाद पुलिस अधीक्षक ने कहा कि यह घटना नक्सलियों की करतूत नही लग रही है बल्कि असामाजिक तत्वों की करतूत है। मौके पर पोस्टरबाजी कर घटना को नक्सलियों की करतूत का रंग दिया गया है।
मौके से पुलिस ने तीन पोस्टर बरामद किया है, जिसमें कई तरह के नारे लिखे है। उन्होंने कहा कि जैसा कि कहा जा रहा है कि घटना को नीतेश के नक्सली दस्ते ने अंजाम दिया गया है, लेकिन निर्माण कंपनी के कर्मियों द्वारा बताए गए हुलिए से पुलिस के पास उपलब्ध हुलिया मैच नही करता है। पुलिस मामले की गहराई से जांच में लगी है। सभी एंगल से पुलिस मामले की जांच में जुटी है। घटना को अंजाम देने वालों को पुलिस किसी सूरत में नही बख्शेगी। हर हाल में उन्हे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।