पटना के मौलाना मजहरुल हक अरबी एवं फारसी विश्वविद्यालय (MMHAPU) की सीनेट की 16वीं बैठक शनिवार को विश्वविद्यालय मुख्यालय में हुई. इस अवसर पर राज्यपाल सह कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि बिहार की प्राचीन शैक्षणिक विरासत को पुनर्जीवित करने की जरूरत है. राज्यपाल ने कहा कि उच्च शिक्षा एवं शोध कार्य को सुचारू रूप से चलाने के लिए विश्वविद्यालय में डीन एकेडमिक एवं डीन रिसर्च का पद होना भी जरूरी है.
बैठक के दौरान राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने मौलाना मजहरुल हक विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग के डीन डॉ असद उल्लाह खान द्वारा लिखित पुस्तक “NEP 2020: Implementations And Challenges (Vol I & Vol II)” का विमोचन किया. इस किताब के किताब के पहले भाग में कुल 43 और दूसरे भाग में कुल 42 अध्याय हैं.
डॉ. असद उल्लाह ने कहा कि किताब में सभी बातों को विस्तार से रखा अगया है. जिसका निष्कर्ष यही निकला की एनईपी 2020 शिक्षा के क्षेत्र में एक परिवर्तनकारी रूपरेखा है, जिसका उद्देश्य देश के शिक्षा परिदृश्य को एक नया आकार देना है. एनईपी 2020 का उद्देश्य छात्रों को न केवल ज्ञानवान बनाना है, बल्कि उन्हें जिज्ञासु, अनुकूलनशील बनाना और कौशल एवं प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देना है. इससे छात्रों में निरंतर सीखने की जिज्ञासा पैदा होगी जो उनके भविष्य के लिए लाभदायक होगी.
डॉ. असद उल्लाह ने यह भी बताया कि NEP 2020 का मल्टी डिसिप्लिनरी दृष्टिकोण बच्चों को समग्र शिक्षा मॉडल की ओर प्रोत्साहित करता है. उन्हें इस बात की खुशी है कि राज्यपाल ने उनकी किताब की सराहना की और उसके विमोचन के लिए समय दिया. डॉ. असद उल्लाह ने राज्यपाल आर्लेकर को बिहार के शिक्षा जगत का भागीदार बनाने पर गर्व व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि राज्यपाल शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयासरत हैं. सदियों पहले बिहार शिक्षा का गौरव माना जाता था और राज्यपाल आर्लेकर के कार्यकाल में बिहार शिक्षा के क्षेत्र में अपना खोया हुआ स्थान पुनः प्राप्त करने की ओर अग्रसर है.
बैठक में राज्यपाल ने अपने संबोधन में एकता, भाईचारे और सभी को समान सम्मान दिए जाने की बात कही. वहीं सीएनएलयू के कुलपति प्रो. फैज़ान मुस्तफा ने साहस और संवैधानिक देशभक्ति के विषय पर एक व्याख्यान दिया. उन्होंने भारत की हजारों साल पुरानी साझी सांस्कृतिक विरासत पर प्रकाश डाला, जो प्रेम, भाईचारा और सहिष्णुता पर आधारित है.
इस मौके पर सीएनएलयू के कुलपति प्रो. फैज़ान मुस्तफा, मौलाना माजहरूल हक विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मुहम्मद आलमगीर, विश्वविद्यालय के कुलसचिव कर्नल कोमेश कुमार, राज्यपाल के प्रधान सचिव राबर्ट एल. चोंग्थू और राज्यपाल के विशेष अधिकारी (विश्वविद्यालय) प्रीवेश देसाई भी मौजूद थे.