NEET परीक्षा मामले में मुज़फ्फरपुर पुलिस (Muzaffarpur Police) जोधपुर जाएगी। मिठनपुरा थाना क्षेत्र के मालीघाट स्थित एक निजी स्कूल में आयोजित नीट की परीक्षा के दौरान सेंटर से फरार हुए स्कॉलर हुकमा राम व परीक्षार्थी राज पांडेय पर जिला पुलिस ने शिकंजा कसा है। मुज़फ्फरपुर पुलिस की दो अलग- अलग टीम जोधपुर एम्स व पटना जाकर दोनों आरोपियों के ठिकाने पर छापेमारी करेगी। इसकी जानकारी सिटी एसपी अवधेश सरोज दीक्षित ने दिया है। सिटी एसपी ने बताया कि अगर वे फरार पाये जाते हैं, तो उनके नाम पते का सत्यापन करके उनका कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट निर्गत कराया जाएगा ।
प्रिंसिपल की भूमिका संदिग्ध
पूर्व में जिला पुलिस की टीम ने जोधपुर एम्स प्रबंधन को पत्र लिखकर हुकमा राम के संबंध में पूरी जानकारी दे दी है। दरअसल, हुकमा रामा जो जोधपुर एम्स का स्कॉलर है उसपर परीक्षा में दूसरे की जगह परीक्षा देने का सुराग मिला है। अब मुज़फ़्फ़रपुर पुलिस हुकमा राम व परीक्षार्थी राज पांडेय की गिरफ्तारी को लेकर जोधपुर व पटना टीम भेजी जाएगी। वहीं परीक्षा केंद्र के प्रिंसिपल की भूमिका संदिग्ध है। प्रिंसिपल ने संदेह होने के बाद स्कॉलर को पुलिस को हैंडओवर करने के बजायछोड़ देने का काम किया था।
चार लाख में डील
मामला पांच मई का है जब नीट की परीक्षा के दौरान मालीघाट स्थित एक निजी स्कूल के सेंटर से स्कॉलर के फरार होने की घटना में मिठनपुरा थाने के दारोगा रामकृष्ण परमहंस के बयान पर प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। इसमें जोधपुर एम्स के स्कॉलर हुकमा राम व परीक्षार्थी राज पांडेय को नामजद आरोपी बनाया गया था। प्राथमिकी के बाद सिटी एसपी अगले दिन स्कूल जाकर छानबीन किये हैं। जांच के बाद उन्होंने बताया था कि फर्जी अभ्यर्थी हुकमा राम जोधपुर एम्स में थर्ड सेमेस्टर का छात्र है। वह एक स्कॉलर है। करीब चार लाख रुपये में उसने असली परीक्षार्थी राज पांडेय की जगह नीट की परीक्षा में बैठने का सौदा किया था।
बताया गया कि सेंटर पर सभी परीक्षार्थियों का बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन कराया गया था। इस दौरान उक्त फर्जी परीक्षार्थी का वेरिफिकेशन नहीं हुआ, जिससे वह पकड़ा गया था।सिटी एसपी ने बताया था कि परीक्षा की रात साढ़े आठ बजे पुलिस को सूचना मिली थी कि मालीघाट के डीएवी स्कूल में फर्जी परीक्षार्थी पकड़ा गया है। सूचना पर पुलिस पहुंची थी। तब तक वह फरार हो चुका था। स्कूल में परीक्षा के दौरान जिला प्रशासन से मजिस्ट्रेट की भी तैनाती की गयी थी। लेकिन, स्कूल प्रबंधन की ओर से उनको भी फर्जी अभ्यर्थी पकड़ाने की सूचना से अवगत नहीं कराया गया था। न ही स्कूल प्रशासन ने थाने में लिखित शिकायत दी थी। इसलिए पुलिस के बयान पर एफआइआर दर्ज की गयी। स्कूल प्रिंसिपल की भूमिका की भी जांच की जा रही है। जो जो भी दोषी होंगे, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी।