नीट पेपर लीक (NEET Paper Leak) मामले में देवघर से गिरफ्तार छह आरोपियों को बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) की टीम मेडिकल कराने के लिए पटना के राजवंशी नगर सरकारी अस्पताल लेकर पहुंची है। इसके बाद उन्हें बेऊर जेल में शिफ्ट किया जायेगा। अब ज्यूडिशल कस्टडी के लिए कोर्ट जाएंगे बिहार पुलिस की जांच टीम ने झारखंड के देवघर में छापा मारकर 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों में चिंटू कुमार भी है, जो मुख्य मास्टरमाइंड संजीव मुखिया का रिश्तेदार है।
सभी आरोपित देवघर जिले के देवीपुर थाना क्षेत्र स्थित एम्स के नजदीक झुनू सिंह के मकान में किरायेदार बनकर रह रहे थे। सभी आरोपित पटना के शास्त्रीनगर थाना (काण्ड संख्या-358/2024) में दर्ज मामले में संदिग्ध हैं। हालांकि, रेड करने आयी पटना पुलिस ने देवघर पुलिस को बताया था कि यह सभी साइबर ठगी के आरोपित हैं। देवघर पुलिस को शनिवार को इस बात का पता चला कि असल में सभी नीट पेपर लीक मामले में पकड़े गये हैं। गिरफ्तार आरोपितों में बिहार के नालंदा जिले के छविलापुर थाना क्षेत्र स्थित बलदार विगहा निवासी पंकु कुमार, परमजीत सिंह उर्फ बिट्टू, चिन्टु उर्फ बालदेव कुमार, नुरसराय थाना क्षेत्र के दरुआरा निवासी काजु उर्फ प्रशांत कुमार, एकंगरसराय थाना क्षेत्र के अजीत कुमार और राजीव कुमार उर्फ कारू शामिल हैं।
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जानकारी के मुताबिक पेपर लीक के सरगना संजीव मुखिया के नीचे अमित आनंद और नीतीश काम कर रहे थे। अमित आनंद लाइजनर का काम करता है। नीतीश और अमित आनंद दोस्त हैं। सिकंदर ने अनुराग और आयुष जैसे कई अभ्यर्थियों को पास कराने का ठेका लिया था। चिंटू के मोबाइल पर पेपर के जवाब आए थे। चिंटू ने जवाब पिंटू को दिए और फिर प्रिंटर साथ लेकर चल रहे पिंटू ने सारे सवालों के जवाब प्रिंट किए।
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चिंटू- पिंटू के जरिए भेजे गए सवालों के जवाब रातों-रात पटना के लर्न एंड प्ले स्कूल भेजे गए, जहां पहले से मौजूद अनुराग और आयुष जैसे छात्रों ने जवाब का रट्टा मारा और अगली सुबह परीक्षा देने गए। नीट पेपर लीक मामले में गिरफ्तार सिकंदर यादवेंद्र मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। पुलिस को पूछताछ में बताया कि उसने 30 से 32 लाख रुपये में पेपर की डील की थी। इसके बाद चार अभर्थियों को उसने पेपर 40-40 लाख रुपये में बेचा था। नीट का पेपर सबसे पहले झारखंड के हजारीबाग से लीक हुआ था। बताया गया कि सिकंदर यादवेंद्र ने दानापुर पटना के आयुष कुमार, समस्तीपुर के अनुराग यादव, रांची के अभिषेक कुमार और गया के शिवनंदन कुमार को पेपर देने की बात कही थी।
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बताते चलें कि नीट यूजी 2024 परीक्षा में पेपर लीक के मामले में सीबीआई ने जांच शुरू कर दी है। बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई की जांच रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई ने केस दर्ज कर लिया है औऱ अब तफ्शीश शुरू कर दी गयी है। शनिवार की रात केंद्र सरकार ने मामले को सीबीआई को सौंपा था और आज से जांच एजेंसी काम पर लग गयी है।
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इससे पहले केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी नैय्यर हसनैन खां को दिल्ली तलब किया था औऱ नीट परीक्षा के पेपर लीक से संबंधित जानकारी मांगी थी। शनिवार को दिल्ली में ईओयू के एडीजी ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री से मुलाकात कर सारे तथ्य उनके सामने रखे थे। उन तथ्यों से साफ है कि नीट परीक्षा का पेपर लीक हुआ था। इसके बाद ही केंद्र सरकार ने मामले को सीबीआई को सौंपने का फैसला लिया था। ईओयू सूत्रों के मुताबिक जो जांच रिपोर्ट मंत्रालय को सौंपी गई है, उसमें बताया गया है कि नीट यूजी की परीक्षा शुरू होने के पहले ही पेपर लीक हो गया था। झारखंड के हजारीबाग जिले के ओएसिस स्कूल से पेपर लीक हुआ था। वहां से पेपर बिहार समेत दूसरे जगहों पर भेजा गया था।