नीट पेपर लीक (NEET Paper Leak) मामले में आर्थिक अपराध इकाई (EOU) सुप्रीम कोर्ट में आठ जुलाई से पहले अपनी जांच रिपोर्ट सौंप देगी। शीर्ष अदालत के आदेश पर जांच एजेंसी रिपोर्ट को अंतिम रूप देने में जुटा हुआ है। रिपोर्ट में इसके पुख्ता सबूत दिए जाएंगे कि प्रश्नपत्र परीक्षा के एक दिन पहले ही केंद्रों ने आउट कर लिया था। वैसे इस मामले को केंद्र सरकार की जांच एजेंसी सीबीआई को सौंपा जा चुका है। नीट पेपर लीक मामले की जांच 23 जून से सीबीआई कर रही है।
सीबीआई को केस ट्रांसफर होने तक राज्य की ईओयू पूरे मामले की जांच में जुटी हुई थी। ईओयू ने जांच में पाया है कि प्रश्नपत्र को लीक करने के बाद इसे हल कराकर पटना के कुछ सेटरों के समूह के पास भेज गया था। खेमनीचक स्थित लर्न्ड एंड प्ले स्कूल में 4 मई की देर रात हुई छापेमारी में जो जले हुए प्रश्नपत्र के हिस्से और इन पर छपे कोड बरामद हुए थे, उन्हें भी कोर्ट में पेश किया जाएगा। इस कोड के जरिये हजारीबाग के परीक्षा केंद्र ओएसिस स्कूल से प्रश्नपत्र लीक होने की पुष्टि हुई है। इससे संबंधित साक्ष्य प्रस्तुत किए जाएंगे।
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कोर्ट में ईओयू साबित करेगी कि प्रश्नपत्र हल कराकर पटना, हजारीबाग, रांची के केंद्रों के छात्रों तक पहले ही पहुंचा दिया गया था। सेटिंग गैंग के तार दूसरे राज्यों से भी जुड़े हुए हैं। यूपी, महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा, पंजाब समेत अन्य राज्य शामिल हैं। रिपोर्ट में गिरफ्तार व फरार आरोपियों और गैंग की भूमिका की भी जानकारी होगी। अंतरराज्यीय स्तर के सेटरों अतुल वत्स और अंशुल सिंह की भूमिका का भी उल्लेख होगा। बिहार व झारखंड के स्तर से पर फरार चल रहे मुख्य अभियुक्तों में संजीव मुखिया, रॉकी समेत अन्य के भूमिका की भी विस्तार से जानकारी दी गई है।