प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मधुबनी में शनिवार को एक अजीबोगरीब घटना सामने आई। भापसा निवासी रिंकू देवी को प्रसव के लिए लाया गया था। शुक्रवार शाम को जांच के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। रात भर दर्द से कराहती रही रिंकू का इलाज जीएनएम सिंधु कुमारी कर रही थीं।
सुबह होने पर जीएनएम ने बताया कि प्रसव अभी नहीं होगा, कुछ समय बाद होगा। इसके बाद आशा ने रिंकू को निजी क्लिनिक खिरकिया ले जाने के लिए कहा। अस्पताल से निकलते ही 50 मीटर की दूरी पर रिंकू ने सड़क किनारे ही बच्चे को जन्म दे दिया। दर्द से कराह रही रिंकू को स्थानीय महिलाओं ने चादर से ढककर प्रसव कराया। गनीमत रही कि जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।
स्थानीय आशा ने रिंकू को झांसे में लेकर निजी क्लिनिक में जाने के लिए ऑटो भी उपलब्ध करा दिया। जबकि रिंकू पैसों की कमी के कारण गुहार लगाती रही। इस घटना के बाद हॉस्पिटल की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि एकमात्र सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों की मनमानी से मरीजों को परेशान किया जाता है।
आरोप है कि आशा और एएनएम की मिलीभगत से निजी क्लीनिक में प्रसव कराकर 20 से 25 हजार रुपये तक वसूले जाते हैं। मौके पर मौजूद डॉ. नासिर हुसैन ने बताया कि रात की ड्यूटी में जीएनएम सिंधु कुमारी और सुबह की ड्यूटी में पूनम कुमारी थीं। मरीज के परिजन बार-बार मना करने के बावजूद अस्पताल से निकल गए।
पीएचसी प्रभारी डॉ. आनंद कुमार ने कहा कि बिना रेफर किए मरीज को परिजन लेकर अस्पताल से निकल चुके थे। रास्ते में ही प्रसव हो गया। तुरंत मौके पर पहुंचकर इलाज किया गया और अस्पताल लाया गया। जहां जच्चा और बच्चा का दोबारा स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। छह घंटे बाद उन्हें घर भेज दिया गया।