दीपावली और छठ का त्योहार खत्म होते ही जिले के प्रवासी मजदूर लौटने लगे हैं। छठ पर्व के पहले बड़े शहरों से यहां आने के लिए जितनी मारामारी रही, उतने ही यहां से वापस जाने के लिए भी मारामारी की स्थिति कायम है। कई ट्रेनों में सीटें पूरी तरह से फूल हो गई है। इस कारण यात्रियों की परेशानी बढ़ गई है और रही सही परेशानी स्थानीय स्तर पर गुजरने वाली ट्रेनों की लेट लतीफी ने बढ़ा दी है।
छठ पूजा के दूसरे दिन ही शेखपुरा स्टेशन के टिकट काउंटर पर लंबी कतार दिखने लगी है। आरक्षण काउंटर हो या सामान्य टिकट खिड़की, दोनों स्थानों पर टिकट लेने वालों की लंबी कतार अहले सुबह से ही दिखने लगी है। जिसमें ज्यादातर प्रवासी मजदूर ही नजर आते हैं। शनिवार को आरक्षण काउंटर पर लंबी कतार में खडे कई प्रवासी मजदूर अमृतसर जाने के लिए तत्काल ट्रेन टिकट पाने में असफल रहे, क्योंकि कुछ ही मिनट के अंदर सभी तत्काल टिकट बिक गए। मजदूरों ने कहा कि उन्हें कन्फर्म टिकट मिलने की सारी उम्मीदें खत्म हो गईं और उन्हें अनारक्षित कोच में टिकट खरीदना पड़ा।
वहीं, हजारों प्रवासी श्रमिकों को चार दिवसीय छठ मनाने के बाद अपने कार्यस्थल पर वापस लौटने में बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। जिसका नजारा शनिवार को शेखपुरा स्टेशन पर देखने मिला। जहां गया से हावड़ा जाने वाली ट्रेन पर चढ़ने को लेकर प्रवासी मजदूरों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है, जो वापस जाने के लिए धक्का-मुक्की करते दिखे।
त्यौहार में तो लोग जैसे-जैसे अपने घर परिवार के पास पहुंचते हैं। लेकिन फिर से रोजी-रोटी के लिए उन्हें वापस जाने की मजबूरी से घर छोड़कर दूर जाना पड़ता है। ऐसे में आने जाने की समस्या आज भी लोगों के सामने एक बड़ी चुनौती है। जिले के शेखपुरा और सिरारी रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की काफी भीड़ देखी जा रही है। ऐसे में यहां से गुजरने वाले लोकल ट्रेनों की देरी से चलने के कारन लंबी दूरी की ट्रेन पकड़ने के लिए उन्हें परेशानी होती है। कई बार लंबी दूरी की ट्रेनो में रिजर्वेशन होने के बावजूद ट्रेने छूट जा रही है।
किउल-गया रेल खण्ड पर कई ट्रेन घंटो लेट चल रही है। जिस कारण से यात्रियों को खूब परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। त्यौहार खत्म होने के बाद ट्रेनों में भारी भरकम भीड़ है। ऐसे में ट्रेन जहां-तहां घंटो खड़ी रहती है जिस वजह से यात्री रेल कर्मियों से उलझते नजर आ रहे हैं। यहां से गुजरने वाली किउल- गया पैसेंजर करीब एक घंटा लेट से गुजरी।