भागलपुर में 10 वर्षीय बच्चे की बलि देने के मामले में मृतक के चचेरा चाचा और तांत्रिक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। पीरपैंती निवासी बच्चे के चाचा शिवनंदन रविदास और तांत्रिक विलास मंडल को आजीवन कारावास के साथ 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। एससी-एसटी एक्ट में विशेष कोर्ट ने सजा सुनाई है।
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दिवाली की रात भतीजे की चाचा ने की थी ह’त्या
सुनवाई में शामिल स्पेशल पीपी रमेश चौधरी ने बताया कि पीरपैंती के विनोबा टोला निवासी मीना देवी ने बेटे कन्हैया कुमार की हत्या के मामले में पीरपैंती थाने में केस दर्ज कराया था, मीना देवी ने कहा था कि मामले में उन्होंने चचेरा देवर शिवनंदन रविदास और तांत्रिक विलास मंडल पर बेटे की हत्या का आरोप लगाया था। बता दें कि मीना देवी ने पुलिस को दिए आवेदन में बताया था कि 27 अक्टूबर 2019 दिवाली की रात को देवर शिवनंदन रविदास और तांत्रिक विलास मंडल मेरे बेटे कन्हैया को पटाखा दिलाने के बहाने घर से बुलाकर ले गया था उसके बाद से मेरा बेटा घर वापस नहीं लौटा, लेकिन अगले दिन वह घर के पीछे खून से लथपथ मृत हालात में मिला था। शिवनंदन रविदास और तांत्रिक विलास मंडल ने मिलकर कन्हैया की बलि दे दी थी। क्योंकि रविदास को बच्चा नहीं होने पर तांत्रिक विलास ने उसको बोला था कि बली देने से उसे बच्चा हो जाएगा। इसके बाद मामले में न्यायालय ने कठोर सजा सुनाते हुए तांत्रिक और हत्यारे चाचा को उम्र कैद की सजा सुना दी है।