बिहार में साइबर अपराधियों का गिरोह नकली थाना, पुलिस पदाधिकारी और सीबीआई ऑफिसर बनकर शिक्षित लोगों को डिजिटली “हाउस अरेस्ट” कर ठगी कर रहा है। ये ठग रिश्तेदारों पर रेप, ड्रग्स, और देशविरोधी गतिविधियों का झूठा आरोप लगाकर लाखों रुपये ऐंठ रहे हैं। जिले के बड़े डॉक्टर, इंजीनियर, प्रोफेसर और सरकारी कर्मचारियों को भी इन अपराधियों ने निशाना बनाया है।
पिछले पांच महीनों में, साइबर अपराधियों ने मुजफ्फरपुर जिले में 200 से अधिक लोगों को डिजिटली हाउस अरेस्ट कर 60 लाख रुपये की ठगी की। इस मामले में 20 से अधिक थानों में 60 से अधिक प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। पुलिस ने पश्चिमी चंपारण और दरभंगा सहित कई स्थानों से एक दर्जन से अधिक साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है।
डिजिटल हाउस अरेस्ट: क्या है और कैसे बचें
डिजिटल हाउस अरेस्ट में साइबर अपराधी नकली पुलिस और सीबीआई अधिकारी बनकर ऑडियो-वीडियो कॉल करते हैं, और झूठे आरोपों से डराकर रुपये मांगते हैं। ऐसे मामलों से बचने के लिए अनजान कॉल्स से सतर्क रहें और किसी भी अनजान खाते में रुपये जमा न करें। साइबर फ्रॉड का शिकार होने पर 1930 पर कॉल करें या नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराएं।