राजद प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने बिहार में लगातार पुल गिरने (Bridge Collapse) की घटना पर आक्रोश जताया है। राजद नेता ने कहा कि बिहार में लगातार पुल क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। जो निर्माणाधीन पुल हैं उनकी जांच होनी चाहिए। हाल के दिनों में कई निर्माणाधीन पुल जो है वह नदी में समा गए। इसके अलावा कई ऐसे पुल हैं जिनमें दरार है और उन पर सरपट गाड़ियां रही है। मुजफ्फरपुर में भी ऐसी तस्वीर निकलकर सामने आई है।
राजद नेता ने कहा कि अब तो पुल पर चलने से भी डर लगता है। उन्होंने कहा कि जो नए पुल बने हैं उसकी जांच होनी चाहिए। क्योंकि अगर जान गई तो इसका कोई खामियाजा या कोई कीमत नहीं चुका सकता है। हम मांग करते हैं कि जो नए पुल बने हैं उसकी जांच होनी चाहिए। ग्रामीण क्षेत्रों में कई योजनाओं से पुल-पुलियों का निर्माण होता है। इसमें विधायक-सांसद कोष के अलावा ग्रामीण कार्य विभाग की अपनी योजनाएं होती है। इस समय ग्रामीण क्षेत्रों में कई पुल 30-40 साल पुराने हैं।
वर्तमान सरकार में पुल-पुलिर्या के रख-रखाव की कोई नीति नहीं है। इससे पुलों के गिरने का खतरा बना हुआ है। बिहार में जो नए पुल ध्वरत हो रहे हैं, उसमें निर्माण की गुणवत्ता संदेह के घेरे में है। पुलों के धराशयी या टूटने की घटना के बाद जांच का गठन किया जाता है। इनमें ज्यादातर मामलों में नतीजा सिफर रहा है। अगवानी घाट पुल के मामले में अभी तक यह खुलासा नहीं हो पाया कि आखिर किसकी लापरवाही से ध्वस्त हुआ। सुपौल के बकौर भेजा पुल के स्पेन गिरने के मामले का भी अब तक खास खुलासा नहीं हो पाया है।