बिहार में शराबबंदी कानून लागू हुए लगभग 7 साल का समय होने को है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शराबबंदी कानून को अपनी सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक मानते हैं। वो लगातार प्रशासन को शराबबंदी कानून को सख्ती से पालन करवाने के लिए दिशा-निर्देश देते रहते हैं। लेकिन इसकी जमीनी हकीकत क्या है ये किसी से छुपी नहीं है। शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से बिहार में जहरीली शराबकांड के कई मामले सामने आ चुके हैं। जहरीली शराब पीकर लोगों की मौत हो रही है। हाल ही पूर्वी चंपारण के मोतिहारी में जहरीली शराब से 40 लोगों की मौत हुई है। इसे लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग भी सख्त हो गया है। आयोग ने राज्य सरकार और प्रदेश के पुलिस महानिदेशक नोटिस भेजा है। साथ ही जवाब 6 सप्ताह के अंदर देने को कहा है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का नोटिस
दरअसल बिहट के मोतिहारी में जहरीली शराब पीने से 40 लोगों की मौत हो गई है। मीडिया की खबरों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बिहार सरकार और बिहार के DGP को नोटिस भेज कर जवाब मांगा है। मानवाधिकार आयोग कहा कहना है कि ऐसा लगा रहा बिहार सरकार शराबबंदी लागू करने के बाद अवैध शराब पर प्रतिबंद लगाने की नीति पर ध्यान नहीं दे रही है। मोतिहारी में कई लोगों की जहरीली शराब से मौत हुई है इसपर आयोग ने स्वत: ही संज्ञान लिया है। बता दें कि मोतिहारी में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या 40 तक पहुंच गई। लेकिन सरकार की तरफ से ये आंकड़ा 31 बताया जा रहा है।