Rupauli Bye Election Results : बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार और चिराग पासवान आज भले ही एक ही तराजू में हैं। लेकिन एक वक्त था जब चिराग पासवान ने नीतीश कुमार को हराने के लिए हर दांव आजमाया था। बात 2020 की है, तब नीतीश कुमार तो एनडीए में थे लेकिन चिराग पासवान ने पूरे बिहार में जदयू के खिलाफ उम्मीदवार उतार दिए। नतीजा यह हुआ कि नीतीश कुमार की पार्टी 42 सीटों पर सिमट गई। लेकिन चिराग पासवान को भी सिर्फ एक ही सीट पर जीत मिली। चिराग की पार्टी से मटिहानी सीट पर राजकुमार सिंह 2020 में जीते। लेकिन वे जीत के तुरंत बाद ही जदयू में शामिल हो गए। तब नीतीश कुमार ने लोजपा को विधानसभा में शून्य पर ला दिया। अब चिराग पासवान की पार्टी के पूर्व विधायक ने नीतीश कुमार का एक विधायक कम करा दिया।
दरअसल, रुपौली विधानसभा में उपचुनाव (Rupauli Bye Election) हो रहा है, जो पिछले तीन चुनावों से जदयू का गढ़ था। जदयू से बीमा भारती इस सीट पर 5 बार विधायक रही हैं। पहली बार बीमा भारती ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में 2000 में विधानसभा चुनाव जीता। इसके बाद 2005 के नवंबर में हुए चुनाव में बीमा भारती राजद से जीतीं। 2010 से लेकर 2020 तक बीमा भारती जदयू से जीतती रहीं। इस बार फिर बीमा भारती चुनाव लड़ी लेकिन राजद के टिकट पर। इस बार चुनाव में बड़ा खेल शंकर सिंह ने कर दिया, जो 2020 में लोजपा उम्मीदवार के तौर पर बीमा भारती से हारे थे। इस बार शंकर सिंह ने चुनाव जीत कर नीतीश कुमार के रुपौली किले को ध्वस्त कर दिया।
शंकर सिंह लोजपा के पुराने नेता हैं। 2005 के फरवरी में हुए विधानसभा चुनाव में शंकर सिंह लोजपा के टिकट पर चुनाव जीतने में कामयाब रहे थे। लेकिन उसके बाद 2005 के नवंबर और 2010 के बिहार विधानसभा चुनाव में शंकर सिंह लोजपा उम्मीदवार के रूप में हार गए। 2015 में रुपौली से एनडीए उम्मीदवार भाजपा के प्रेम प्रकाश मंडल बने तो शंकर सिंह निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर लड़ गए। हालांकि तब भी बीमा भारती ही जीतीं। इसके बाद 2020 में शंकर सिंह की लोजपा में वापसी हुई लेकिन तब भी वे बीमा भारती को हराने में सफल नहीं हो पाए। लेकिन 2024 में हुए उपचुनाव में शंकर सिंह ने यह सीट जीत ली है।
शंकर सिंह ने इस बार जदयू के कलाधर मंडल को हराया। जबकि पांच बार रुपौली से विधायक रहीं बीमा भारती तीसरे नंबर पर रहीं।