बिहार के सारण में शराबकांड पर घिरी नीतीश सरकार को मौतों की कोई चिंता नहीं है। विधानसभा में सीएम नीतीश कुमार ने साफ कह दिया कि दारू पीकर जो मरेगा, उसे कोई मुआवजा नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि ऐसी मौतों का तो हम और प्रचार करेंगे कि दारू पीने से मौत होती है। नीतीश कुमार ने साफ कह दिया कि बिहार में शराबबंदी पर कोई समझौता हो ही नहीं सकता। लोगों को समझना होगा कि शराब खराब चीज है।
सारण शराबकांड पर महागठबंधन में फूट, अपनों में घिरे नीतीश
भाजपा पर बरसे
नीतीश कुमार ने विधानसभा में भाजपा पर जमकर बरसे। उन्होंने भाजपा पर मीडिया मैनेज करने का आरोप लगा। उन्होंने कहा कि बंगाल में पुल हादसा हुआ तो खूब छपा। लेकिन गुजरात में हुआ तो कुछ नहीं छपा।
शराबियों से सहानुभूति नहीं
सीएम नीतीश कुमार ने साफ कहा कि शराब से मरने वालों से संवेदना नहीं रखने का खुला ऐलान किया है। उन्होंने सभी पार्टियां शराबबंदी पर साथ हैं। उन्होंने कहा कि सोशलिस्ट, कम्युनिस्ट सभी शराबबंदी पर एक हैं। भाजपा के लोग जो कर रहे हैं वो गलत है। उन्होंने कहा कि सभी को बताना होगा कि शराब बुरी चीज है। शराबियों के साथ कोई हमदर्दी नहीं है।
शराबकांड पर महागठबंधन में फूट
दूसरी ओर सारण शराबकांड को लेकर बिहार में सियासी हंगामा मचा हुआ है। जैसे-जैसे जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। उसी तरह इस मुद्दे पर सियासत का ग्राफ भी ऊपर चढ़ाता जा रहा है। विपक्ष तो विपक्ष अब महागठबंधन में शामिल दलों के तरफ से भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ आवाज बुलंद की जा रही है। नीतीश कुमार के बयान ‘जो पयेगा वो मरेगा’ के बाद सियासी कोहराम और ज्यादा बढ़ गया है।
सारण शराबकांड के लिए विपक्ष नीतीश कुमार को दोषी ठहराने में लगा है। वहीं महागठबंधन में शामिल हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के संस्थापक जीतन राम मांझी और राजद के पूर्व विधायक अनिल सहनी भी अब नीतीश कुमार घेरते नजर आ रहे हैं।