बिहार शराबबंदी कानून को लेकर सियासी वाद-विवाद एक नए दौर में प्रवेश कर चुका है। शराबबंदी को लेकर अलग-अलग राजनीतिक दलों के नेताओं के राय भी अलग-अलग है। हालांकि जब इस कानून को पारित होने के समय सभी ने एक सुर से इसका समर्थन किया था। लेकिन उसके बाद से इस कानून की खामियों को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हमेशा की विपक्ष के सवाल घेरे में पड़ जाते हैं। कई बार शराबबंदी से जुड़ी हुई ऐसी भी घटनाएँ सामने आई है जिसे लेकर मुख्यामंत्री नीतीश कुमार की जमकर फजीहत भी हुई है।
लेकिन इसके बावजूद भी वो शराबबंदी को लेकर अपना हठयोग छोड़ने को तैयार नहीं है। जेडीयू नेताओं ने शराबबंदी कानून को नीतीश कुमार खींची हुई ब्रह्म लकीर मान लिया है। नीतीश कैबिनेट के एक मंत्री ने तो उन्हें भगवान तक बता दिया है। जिसे बाद भाजपा ने नीतीश कुमार को यमराज की उपाधि दी है। दोनों की तरफ से इसके लिए अपने-अपने तर्क भी पेश किए गए हैं।
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‘महिलाओं के लिए देवता नीतीश’
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जब भी शराबबंदी को लेकर सवाल उठाया जाता है। वो बिहार की महिलाओं की आड़ लेकर खड़े हो जाते हैं। वो हमेशा ही ये कहते नजर आते हैं कि महिलाओं के कहने पर ही उन्होंने शराबबंदी कानून लागू किया है। वहीं अब नीतीश कैबिनेट की मंत्री शिला मंडल ने भी नीतीश कुमार के पक्ष में एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार बिहार की महिलाओं के लिए देवता के समान है। उनका नाम इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। महिला सशक्तिकरण के लिए जिस तरह की योजनाएं उन्होंने बनायी है और साथ ही महिलाओं की मांग पर राज्य में शराबबंदी भी लागू की है। उसे लेकर महिलाएं उन्हें देवता की तरह आदर करती हैं।
BJP ने नीतीश को बताया यमराज
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तुलना देवता से किए जाने को लेकर भाजपा ने करारा प्रहार बोला है। भाजपा प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार को उनके मंत्री इंसान ही रहने दे तो अच्छा है। बिहार में शराबबंदी के नाम पर गरीब लोगों को जेलों में डाला जा रहा है। जहरीली शराब से कितने घर उजड़ गए, कितने ही बच्चे अनाथ हो गए और कितनी ही महिलाएं विधवा हो गई। बिहार में अपराध बढ़ता ही जा रहा है। जिस तरह आए दिन लोगों की हत्या हो रही है ऐसे में नीतीश कुमार की तुलना भगवान नहीं यमराज से की जानी चाहिए।