राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन ने राज्य सरकार पर शिक्षकों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा कैसे मिले इसकी चिंता नहीं है वह केवल शिक्षकों को समाज में नीचा दिखाने के साथ ही उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान करने में लगीं है। सरकार द्वारा समय-समय पर शिक्षकों को अपमानित करने वाला पत्र जारी किया जाता रहा है।
शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों को लेकर अक्सर कुछ न कुछ नये-नये निर्देश जारी होते रहते हैं। अभी कल 10 दिसम्बर 2024 को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव द्वारा जिला शिक्षा पदाधिकारियों को जो पत्र जारी किया गया है उसे काफी आपत्तिजनक कहा जाएगा। पत्र का आशय ही शिक्षकों को नीचा दिखाना है।
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राजद प्रवक्ता ने कहा कि सरकार खुद शिक्षकों को पढ़ाने के बजाय दूसरे कामों में लगाती रही है। उन्हें कभी बच्चों का ई शिक्षा कोष पर डाटा एंट्री बनाने, कभी अलग-अलग सर्वे कराने, बी एल ओ के रुप में वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने के साथ ही अब छात्रों का आपार कार्ड बनाने जैसे कार्यो में लगा दिया गया है और शिक्षक बच्चों का पढ़ाना छोड़कर सरकार के आदेशानुसार गैर शिक्षण कार्य करने लगते हैं। इसके बावजूद सरकार कभी मीडिया के माध्यम से तो कभी भ्रामक पत्र जारी कर शिक्षकों को अपमानित करती रहती है। सरकार शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य से मुक्त कर केवल पढ़ाने के लिए विद्यालय में रखें।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि शिक्षक ई शिक्षा कोष पर जब अपनी उपस्थिति समय पर दर्ज कर लेते हैं और विद्यालय में रहकर बच्चों को पढ़ाते हैं तो अपर मुख्य सचिव द्वारा ये कहना कि शिक्षक पढ़ाते नहीं हैं। शिक्षकों के पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी संविदा पर नियुक्त गांव के निम्नवर्गीय कर्मचारी को दे दिया गया है। पर्यवेक्षण के नाम पर भी शिक्षकों का न केवल मानसिक बल्कि आर्थिक शोषण भी किया जाता है।
सरकार के अव्यवहारिक नीतियों के कारण शिक्षक अभी इतने तनाव में रहते हैं कि आए दिन वे दुर्घटनाओं के शिकार हो रहे हैं। शायद ही कोई दिन ऐसा गुजरता होगा जिस दिन किसी शिक्षक के दुर्भाग्यपूर्ण मौत की खबर नहीं आती हो। राजद प्रवक्ता ने कहा कि जबतक शिक्षकों को सम्मान और सुरक्षा नहीं मिलेगी, बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं दी जा सकती।