बिहार सरकार मठ-मंदिरों की जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए बुलडोजर एक्शन लेने जा रही है। इस अभियान के तहत, अपंजीकृत मंदिरों या मठों की भूमि पर कब्जा किए गए सभी भूखंडों को चिन्हित किया जाएगा और उन्हें तीन महीने के भीतर खाली करा दिया जाएगा।
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने शुक्रवार को विधानसभा में यह घोषणा करते हुए कहा कि यह अभियान राज्य के सभी जिलों में चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि मंदिरों और मठों की भूमि का उपयोग केवल धार्मिक कार्यों के लिए ही किया जाए।
राजस्व विभाग द्वारा अपंजीकृत मंदिरों और मठों की भूमि का सर्वेक्षण किया जा रहा है। बीएसबीआरटी के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, राज्य में लगभग 2512 अपंजीकृत मंदिर या मठ हैं जिनके पास 4321.64 एकड़ से अधिक भूमि है।
बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार पंजीकृत और अपंजीकृत मंदिरों, मठों और ट्रस्टों की संपत्तियों की खरीद-बिक्री में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा कि बिहार हिंदू धार्मिक ट्रस्ट अधिनियम, 1950 के अनुसार, बिहार के सभी सार्वजनिक मंदिरों, मठों, ट्रस्टों और धर्मशालाओं को बीएसबीआरटी के साथ पंजीकृत होना चाहिए।
यह अभियान राज्य सरकार की ओर से एक महत्वपूर्ण कदम है, जो मठ-मंदिरों की भूमि को अतिक्रमण से बचाने में मदद करेगा।
यहां कुछ महत्वपूर्ण बिंदु :
- बुलडोजर एक्शन: अपंजीकृत मंदिरों या मठों की भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए।
- तीन महीने की समय सीमा: सभी चिन्हित भूखंडों को तीन महीने के भीतर खाली करा दिया जाएगा।
- राज्यव्यापी अभियान: यह अभियान राज्य के सभी जिलों में चलाया जाएगा।
- सर्वेक्षण: राजस्व विभाग द्वारा अपंजीकृत मंदिरों और मठों की भूमि का सर्वेक्षण किया जा रहा है।
- कुल भूमि: 2512 अपंजीकृत मंदिरों या मठों के पास 4321.64 एकड़ से अधिक भूमि है।
- कानूनी प्रावधान: बिहार हिंदू धार्मिक ट्रस्ट अधिनियम, 1950 के अनुसार, सभी सार्वजनिक मंदिरों, मठों, ट्रस्टों और धर्मशालाओं को बीएसबीआरटी के साथ पंजीकृत होना चाहिए।