बिहार के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन जल्द ही रिहा हो सकते हैं। दरअसल नीतीश सरकार की पिछले कैबिनेट बैठक में एक बड़ा फैसला लिया गया था। जिसके बाद से ही बाहुबली नेता आनंद मोहन की रिहाई की खबर चर्चाओं का विषय बना हुआ है। 3 जनवरी को हुई कैबिनेट बैठक में 26 जनवरी को व्यवहार कुशल कैदियों की रिहाई देने का निर्णय लिया गया था। इसी निर्णय पर के बाद से ऐसी संभावना जताई जा रही है कि व्यवहार कुशल कैदियों में आनंद मोहन का भी नाम शामिल हो सकता है।
इस मामले में हुई थी उम्रकैद
गोपालगंज के पूर्व डीएम जी कृष्णैय्या हत्याकांड में दोषी पाए जाने के बाद आनंद मोहन को लोअर कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई गई थी। जिसे हाईकोर्ट ने उम्र कैद में बदल दिया था। मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच पर वहां से भी आनंद मोहन को कोई राहत नहीं मिली थी। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को बरक़रार रखा। जिसके बाद पिछले 15 साल से आनंद मोहन जेल में बंद हैं। पिछले साल 17 मई को उनकी उम्र कैद की सजा पूरी हो चुकी है। तभी से उनकी रिहाई को लेकर चर्चाएं गरमाई हुई हैं। वही जब से बिहार सरकार की कैबिनेट बैठक में 26 जनवरी को व्यवहार कुशल कैदियों की रिहाई देने के निर्णय पर मुहर लगी है, तब से आनंद मोहन की रिहाई की चर्चा और भी तेज हो गई है।
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नीतीश से नजदीकी का फायदा
एक कहावत है कि समय हर घाव भर देता है। ये कहावत मुख्यमंत्री नतीश कुमार और आनंद मोहन के ममाले में एकदम फिट बैठती दिख रही है। कभी दोनों में 36 का आंकड़ा हुआ करता था लेकिन पिछले कुछ समय से नीतीश कुमार के रुख नर्म होते दिखे हैं। जिसकी झलक आनंद मोहन की बेटी की रिंग सिरेमनी में देखने को मिली थी। अपने बेटी की रिंग सिरेमनी में शामिल होने के लिए आनंद मोहन जेल से पेरोल पर बाहर आए थे। रिंग सिरेमनी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित बिहार के तमाम बड़े नेता शामिल हुए थे। इस दौरान जिस तरह की तस्वीरें सामने आई उससे साफ पता चला कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आनंद मोहन में नजदीकियां बढ़ी हैं। कहीं ना कहीं इसका फायदा आनंद मोहन को रिहाई के रूप में मिल सकता है।