बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अगस्त 2022 में भाजपा से गठबंधन तोड़ने के साथ ही बड़े सरकारी कार्यक्रमों में जाना छोड़ दिया। नीति आयोग समेत कई बैठकें, जिसमें मुख्यमंत्री को जाना होता है, उनमें भी नीतीश कुमार नहीं गए। कुछ बैठकों में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को भेजा तो कुछ में अन्य मंत्रियों को तो कुछ में अधिकारियों को। नीतीश कुमार के इस कदम के पीछे यह वजह मानी गई कि वे पीएम नरेंद्र मोदी या गृह मंत्री अमित शाह से वन टू वन मुलाकात नहीं चाहते हैं। गठबंधन टूटने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी से सीएम नीतीश कुमार की एक ही मुलाकात जी 20 डिनर में हुई है। अब एक मौका ऐसा आया है कि नीतीश कुमार और अमित शाह की मुलाकात होने वाली है।
दरअसल, पटना में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद यानि ईजेडसी की बैठक होने वाली है। ईजेडसी की इससे पहले बैठक कोलकाता में पिछले साल हुई थी। तब नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव को उस बैठक में भेज दिया था। लेकिन इस बार तो यह बैठक पटना में ही हो रही है। ऐसे में नीतीश कुमार के पास बैठक से किनारा करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। ईजेडसी की यह 26वीं बैठक है। पूर्वी क्षेत्र में बिहार के साथ झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल भी शामिल है। संभावना है कि झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन, ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी भी शामिल हो सकती हैं।
10 दिसंबर को होनी है बैठक
ईजेडसी की यह बैठक पटना में 10 दिसंबर को होने वाली है। यह ईजेडसी की 26वीं बैठक है। इससे पहले पांच बार यह बैठक पटना में हो चुकी है। 1958, 1963, 1985 और 2015 में यह बैठक पटना में हुई थी। इस बैठक में सभी राज्य अपनी मौजूदा स्थिति के साथ भविष्य की योजनाएं बताते हैं।