लोकसभा चुनाव में भाजपा को सत्ता से बाहर करने का बीड़ा उठाए बिहार के सीएम नीतीश कुमार हर प्रयास कर रहे हैं। दिल्ली में राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और अरविंद केजरीवाल से मिलने के बाद अब नीतीश कुमार की कोशिश क्षेत्रीय दलों को अपने पक्ष में करने की है। इस कड़ी में अगला प्रयास ममता बनर्जी के बंगाल में होना है। आज, सोमवार को नीतीश कुमार कोलकाता जाएंगे। वहां नीतीश कुमार ममता बनर्जी से मिलेंगे। इसके बाद आज ही सीएम नीतीश यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव से मिलेंगे। वैसे तो बिना ममता बनर्जी विपक्षी एकता की मजबूती शक के घेरे में रहेगी। लेकिन नीतीश कुमार और अखिलेश यादव का साथ उनके लिए सबसे अधिक जरुरी है।
यूपी के बिना सब अधूरा
विपक्षी दलों के सभी नेता जानते हैं कि यूपी में भाजपा को रोकना सबसे अधिक जरुरी है। इसका बड़ा कारण ये है कि यूपी में लोकसभा की सबसे अधिक 80 सीटें हैं और पिछले दो चुनावों में एनडीए के सामने विपक्षी दल पूरी तरह धराशायी हुए हैं। ऐसे में बिना यूपी में भाजपा को रोके, केंद्र की सत्ता में भाजपा को रोक पाना संभव नहीं दिखता है। इसके अलावा भी नीतीश कुमार यूपी में अखिलेश यादव का साथ चाहते हैं क्योंकि कई बार उनके यूपी के फूलपुर से चुनाव लड़ने की चर्चा होती है। अब जब चुनाव में एक साल से भी कम वक्त बचा है, यह चर्चा और जोर पकड़ रही है। साथ ही यह भी चर्चा है कि जदयू सपा के सपोर्ट से पांच सीटों पर यूपी में चुनाव लड़ेगी।