देश में हिंदू-मुस्लिम डिबेट अलग ही लेवल पर जा रही है। एक ओर अयोध्या में रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा की तारीख नजदीक आ रही है तो दूसरी ओर ऐसे राजनीतिक बयान आ रहे हैं, जो चाहे-अनचाहे हिंदू-मुस्लिम की डिबेट को बढ़ावा दे दे रहे हैं। इसी बहस को आगे बढ़ाया है बिहार में सीएम नीतीश कुमार के मंत्री अशोक चौधरी ने। अशोक चौधरी ने कहा है कि “देश का लोकतंत्र मजबूत है, क्योंकि यहां मुगलों ने शासन किया था। लेकिन अंग्रेजों ने देश को लूटने का काम किया था। लूटा हुआ धन और संपत्ति लेकर इंग्लैंड चले गए थे।”
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नीतीश के मंत्री बोले – मुगल भागे नहीं
अशोक चौधरी ने कहा कि “मुग़ल भागे नहीं। जो कुछ भी भारत में था, वह रह गया। लेकिन अंग्रेजों ने देश को लूट लिया और लूटा हुआ धन और संपत्ति अपने साथ इंग्लैंड ले गए। जिसके चलते हम आर्थिक रूप से कमजोर हो गए।” अशोक चौधरी ने कहा मैं रोज हनुमान चालीसा पढ़ता हूं और रुद्राभिषेक करता हूं। अभी मैं हिंदू हूं, कल को मैं अजमेर शरीफ जाऊं और वहां मुझे दिव्य ज्ञान मिल जाए। और मैं नमाजी हो जाऊं, इसमें कौन सी बड़ी बात है। धर्म तो अपनाने की चीज है।”
हालांकि अशोक चौधरी ने मुगल शासकों पर देश में इस्लाम को बढ़ावा देने के लिए मुगलों को दोषी ठहराया। वहीं भाजपा पर निशाना साधते हुए अशोक चौधरी ने कहा कि “भाजपा राम मंदिर का राजनीतिकरण कर रही है। मंदिर का निर्माण तो सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हो रहा है। इसमें बीजेपी की क्या भूमिका है। केंद्र सरकार को राम मंदिर के निर्माण के साथ-साथ मुद्रास्फीति और बेरोजगारी पर काबू पाने के बारे में सोचने की जरूरत है।”
मंत्री ने कहा कि ” जिसके घर में खाने के लिए अन्न नहीं है, वह भूखे पेट राम नाम का जाप कैसे कर सकता है? इस मुद्दे पर विचार की जरुरत है। जब तक आम जनता के बुनियादी मुद्दों का समाधान नहीं हो जाता, तब तक कोई देश तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की उम्मीद नहीं कर सकता।”