मुख्यमंत्री नीतिश कुमार जब भी कभी फंसते नजर आते है तब अपने स्वास्थ्य को ढाल बना लेते हैं। एक बार फिर से वो ऐसा करते दिख रहे हैं। आज जब उनसे मोकामा उपचुनाव में प्रचार करने के विषय में प्रश्न किया गया, तो उन्होंने अपने स्वास्थ्य का हवाला दे कर सवाल से पल्ला झाड़ने की कोशिश की। दरअसल पहले ऐसी खबर थी कि नीतीश कुमार, मोकामा उपचुनाव में महागठबंधन की उम्मीदवार नीलम देवी के लिए चुनाव प्रचार करेंगे। लेकिन जब इस सवाल पर उन्होंने खुद को घिरता पाया तो अपना स्वास्थ्य वाला अपना ‘ब्रह्मास्त्र’ चला दिया है।
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मोकामा चुनाव प्रचार में नहीं जाना चाहते नीतीश!
नीतीश कुमार ने राजद के साथ तो हाथ मिला लिया है। लेकिन राजद के नेता और पूर्व विधायक अनंत सिंह से उनकी तनातनी जगजाहिर है। जब से अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी मोकामा उपचुनाव के लिए उम्मीदवार बनी तभी से नीतीश कुमार के चुनाव प्रचार करने जाने को लेकर ख़बरें तेज हो गई। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या जिस अनंत सिंह से नीतीश कुमार की थोड़ी भी बनती नहीं है वो उनकी पत्नी के लिए प्रचार करेंगे या नहीं। ऐसे में नीतीश कुमार के पास दो रास्ते हैं। या तो प्रचार में जाकर गठबंधन धर्म का पालन करें या फिर प्रचार से दूरी बना लें।
लेकिन यदि वो सीधे तौर पर पर प्रचार में जाने से मना करे तो गठबधन धर्म पालन ना करने को लेकर वो घिर जाएंगे। नीतीश कुमार जानते हैं कि यदि प्रचार में चले गए तो उनकी क्रेडिबिलिटी पर ही बड़ा सवाल खड़ा होगा।
स्वास्थ्य को बनाया ‘ब्रह्मास्त्र’
मोकामा चुनाव प्रचार को लेकर धर्म संकट में घीरे नीतीश कुमार ने इसकी काट निकल ली है। वही काट जो हमेशा से उनकों बचाती आई है। चुनाव प्रचार में ना जाने को लेकर नीतीश कुमार ने अपने स्वास्थ्य को ब्रह्मास्त्र बना लिया है। दरअसल पिछले दिनों घाट के निरिक्षण के दौरान उनका स्टीमर एक खंबे से टकरा गया था। नीतीश का कहना है कि उन्हें इस हादसे में पेट में चोट लगी है। बकायदा उन्होंने मीडिया के सामने चोट पर लगी पट्टी को भी दिखाया है। इसी चोट का हवाला देकर वो मोकामा में प्रचार करने से बचना चाहते हैं। ऐसे में वो गठबंधन धर्म के पालन और क्रेडिबिलिटी के सवाल से भी बच जाएंगे।
पहले भी कर चुके है ‘ब्रह्मास्त्र’ का इस्तेमाल
ये पहली बार नहीं है जब नीतीश कुमार ने अपने स्वास्थ्य वाले ‘ब्रह्मास्त्र’ का इस्तेमाल किया हो। इससे पहले भी वो इसका सफल परिक्षण कर चुके हैं। दरअसल बीजेपी और जेडीयू के गठबधन टूटने से पहले ऐसी ख़बरें थी कि दोनों में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा। उस वक्त गृह मंत्री अमित शाह बिहार दौरे पर आए थे। ऐसी ख़बरें थी की नीतीश और उनकी मुलाकात के बाद सबकुछ ठीक हो जाएगा। लेकिन अमित शाह के आने के कुछ दिन पहले ऐसी खबर आई कि नीतीश कुमार कोरोना संक्रमित है। इसलिए उनकी और अमित शाह की मुलाकात नहीं हो पाई। बाद में बिहार की सियासत में जो कुछ भी हुआ वो जगजाहिर है।